ऑफ द रिकॉर्ड: रेमडेसिविर को लेकर केंद्र की बाजार में खुली खरीद पर कोई नीति नहीं
punjabkesari.in Saturday, Apr 24, 2021 - 02:21 AM (IST)

कोरोना महामारी से पीड़ित लोग खुले बाजार में रेमडेसिविर टीका ब्लैक में खरीद रहे हैं। इसकी वजह यह है कि रेमडेसिविर अस्पताल के पर्चे पर कैमिस्ट यह टीका देगा लेकिन मैडीकल स्टोर से यह दवा गायब है। ऐसे में दवा मिलेगी कैसे? नीति आयोग के सदस्य और कोरोना टास्क फोर्स के चेयरमैन डा. वी.के. पॉल से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि टीका अस्पतालों में ही मिले और मैडीकल स्टोर तक लोगों को नहीं जाना पड़े, इस नीति पर काम चल रहा है। सरकार ने रेमडेसिविर टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिए उनसे 3 दिन पहले बैठक की थी जिसमें उत्पादन 1.5 लाख शीशी प्रतिदिन से बढ़ाकर 3 लाख शीशी करने का लक्ष्य अगले 15 दिनों में दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय से जब यह जानकारी मांगी गई कि क्या सरकार की ओर से कोई निर्देश है कि जिला मैजिस्ट्रेट अस्पतालों के आग्रह पर रेमडेसिविर टीका की आपूर्ति कराएंगे, तो केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि कुछ राज्यों ने मौखिक तौर पर ऐसी व्यवस्था बनाई है लेकिन केंद्र्र की ओर से ऐसा कोई आदेश नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि रेमडेसिविर टीके का इस्तेमाल घरेलू उपयोग के लिए बिल्कुल नहीं है।
यह टीका अभी तक मैडीकल स्टोर पर मिल रहा है और कालाबाजारी करने वालों पर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीमें छापेमारी की कार्रवाई भी कर रही हैं। आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी। डा. वी.के. पॉल ने कहा कि चिकित्सकों को सलाह दी गई है कि वे 8 से 10 फीसदी मामलों में ही रेमडेसिविर टीका लगवाने का परामर्श रोगी को दें क्योंकि यह टीका जीवनरक्षक नहीं है।
इसकी पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) की स्टडी में भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत से 100 देशों को इस टीके का निर्यात हो रहा था। देश की 7 फार्मा कंपनियां इसका उत्पादन कर रही हैं। इसके लिए नए प्लांट शुरू करने की भी मंजूरी दी गई है। स्टडी में यह सामने आया था कि रेमडेसिविर लेने से अस्पताल में भर्ती होने की अवधि 4 दिन कम हो जाती है। रोगी की रिकवरी थोड़ी जल्द हो जाती है। यह कोई मैजिक बुलेट नहीं है जिससे आपका जीवनकाल बढ़ जाएगा।