OBOR पर भारत की ना, चीन हुआ परेशान

punjabkesari.in Sunday, Jun 10, 2018 - 07:25 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूटनीति में माहिर खिलाड़ी हैं। यह एक बार फिर उन्होंने साबित कर दिया कि वह पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्तों के हिमायती हैं, लेकिन भारत की संप्रभुता के साथ किसी भी हालत में कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे पीएम मोदी ने चीन की सभी कोशिशों के बावजूद तगड़ा झटका दिया है।

चीन बहुत समय से अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना ‘वन बेल्ट वन रोड’ (OBOR) पर भारत को मनाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन बार-बार उसे मुंह की खानी पड़ती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ और शिखर सम्मेलन में पीएम ने चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना का समर्थन करने से इंकार कर दिया, साथ ही चीन को पारदर्शिता और संप्रभुता के सम्मान की नसीहत भी दे डाली।

भारत ने दर्ज कराया विरोध
एससीओ सदस्य देशों में भारत इकलौता ऐसा देश है जो चीन की इस परियोजना का समर्थन नहीं कर रहा है। बता दें कि चीन की यह परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) से होकर गुजरती है। जिसका भारत कड़ा विरोध करता आ रहा है। भारत इसको अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है। भारत का कहना है कि पीओके उसका अभिन्न भाग है, जहां से उसकी इजाजत के बिना कोई ऐसा निर्माण कार्य नहीं कर सकता है।

शिखर सम्मेलन में रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजकिस्तान ने चीन की OBOR परियोजना के समर्थन को दोहराया है, लेकिन भारत ने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। भारत अब भी चीन की इस परियोजना का समर्थन नहीं करता है। फिलहाल इसे चीन की कोशिशों के लिए झटका माना जा रहा है।

पीएम ने कनेक्टविटी पर दिया जोर
रविवार को एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कनेक्टिविटी प्रोजेक्टों पर भारत के नजरिए को सामने जरूर रखा, लेकिन उन्होंने चीन की OBOR परियोजना का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कनेक्टिविटी प्रोजेक्टों पर पारदर्शिता और संप्रभुता का सम्मान करने की बात कही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम फिर एक ऐसे मुकाम पर हैं, जहां भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी भूगोल की परिभाषा बदल रही है। खासकर SCO क्षेत्र और पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी भारत की प्राथमिकता है। हम ऐसे नए कनेक्टिविटी प्रोजेक्टों का स्वागत करते हैं, जो समावेशी पारदर्शी और सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें।

 


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Yaspal

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