फांसी से बचने के लिए फिर नया पैंतरा, अब क्यूरेटिव पिटीशन लगाएंगे निर्भया के गुनहगार

punjabkesari.in Monday, Dec 23, 2019 - 05:48 AM (IST)

नेशनल डेस्कः निर्भया केस के दोषी फांसी से बचने का कोई प्रयास नहीं छोड़ना चाहते हैं। निर्भया के दोषी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन (उपचार याचिका) दायर करने की तैयारी में हैं ताकि उन्हें राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने से पहले एक और कानूनी अधिकार का इस्तेमाल करने का मौका मिले, जिससे उन्हें और समय जीने का अवसर मिल जाए। शीर्ष अदालत में दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद निर्भया की मां की याचिका पर दिल्ली पटियाला हाउस ट्रायल कोर्ट में सुनवाई हुई थी। ट्रायल कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश दिया था कि वह दोषियों को नोटिसा जारी कर उनसे पूछे कि पुनर्विचार याचिकाओं के खारिज होने के बाद वह अब अपने बचाव में कितने दिन में और क्या कानूनी रास्ता अपनाएंगे?
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निर्भया की मां ने ट्रायल कोर्ट यानि निचली अदालत से दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए ब्लैक वारंट जारी करने का गुहार लगाई है। ब्लैक वारंट वही निचली अदालत, सेशन कोर्ट जारी करती है जिसमें मामले की ट्रायल हुई है।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने चारों दोषियों को बुधवार को नोटिस जारी कर दिया था, जिसमें उन्हें राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के लिए 7 दिन को मोहलत दी गई है। यह नोटिस दिल्ली जेल नियम 837 के तहत जारी किया गया है जिसमें दोषियों को राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के लिए नोटिस मिलने के बाद सात दिनों की मोहलत मिलती है।
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7 जनवरी को सुनवाई
इस बीच अगर दया याचिका दायर नहीं होती है तो जेल प्रशासन दोषियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। ट्रायल कोर्ट में अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।

याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मामले के एक दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी, जबकि अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। इस तरह चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई है।
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कानून अधिकार का इस्तेमाल करने का मौका
एक दोषी विनय के नाम से दया याचिका राष्ट्रपति के पास अंतिम फैसले के लिए लंबित है। राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने के अलावा दोषियों के पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर करने का कानूनी अधिकार भी अभी बचा है, जिसके मद्देनजर दोषी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर करने की तैयारी में हैं ताकि उन्हें राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने से पहले एक और क़ानूनी अधिकार का इस्तेमाल करने का मौका मिले, जिससे उन्हें और समय जीने का अवसर मिल जाए।

 


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Yaspal

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