ऑफ द रिकॉर्डः अब हर साल की बजाय हर 3 माह में होगी केंद्रीय कर्मचारियों के काम की समीक्षा

punjabkesari.in Sunday, Sep 13, 2020 - 05:57 AM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री ‘जिम्मेदार, उत्तरदायी और कुशल प्रशासन’ प्रदान करने की अपनी योजनाओं की रूपरेखा के साथ 36 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के काम की समीक्षा हर साल की बजाय अब हर 3 महीने में शुरू करेंगे। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डी.ओ.पी.टी.) ने सीधे पी.एम. मोदी के निर्देश पर अधिसूचित 10-पेज का परिपत्र जारी किया। योजना का उद्देश्य अक्षम और संदिग्ध व्यवहार वाले व्यक्तियों को बाहर निकालना है। 
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मोदी ने सभी कर्मचारियों की त्रैमासिक समीक्षा शुरू करने के लिए समीक्षा की उम्र को 55 वर्ष से घटाकर 50 वर्ष कर दिया है। उन्होंने पहले ही क्लास ए और बी के 320 अधिकारियों की पैकिंग के  लिए रिकॉर्ड भेज दिया है और इस प्रक्रिया को अब सभी स्तरों पर फास्ट-ट्रैक करना चाहते हैं। डी.ओ.पी.टी. ने सभी मंत्रालयों और विभागों को दिसम्बर 2020 तक पहली समीक्षा करने और अगले साल नियमित रूप से ‘तिमाही आधार’ पर यह काम करने का निर्देश दिया है। 
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मोदी देश में अव्यवस्था के लिए कांग्रेस के शासन का मजाक उड़ाते रहते हैं, लेकिन जब बात सरकार की कार्यशैली की आती है, तो उन्होंने 1972 में इंदिरा गांधी द्वारा नौकरशाही में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बनाए गए कानूनों और नियमों को लागू किया। अधिनियम 1972 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा बनाया गया था और इन नियमों में किसी भी सरकार को अपनी आवश्यकतानुसार बदलाव करने के पर्याप्त अधिकार दिए गए थे। महामारी के कारण नए सिरे से भर्ती करने की प्रक्रिया भी धीमी हो गई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार रेलवे सहित कंेद्र में 6.80 लाख पद खाली हैं।  पी.एस.यूज में सभी भर्तियां फिलहाल कुछ समय के लिए रुकी हुई हैं,वहीं सलाहकारों की नई नियुक्तियां भी प्रभावित हुई हैं। 

महत्वपूर्ण बिंदु   

  • 36 लाख केंद्रीय कर्मचारियों कीे सरकार त्रैमासिक समीक्षा करेगी। 
  • 50 वर्ष से अधिक आयु के सभी कर्मी निगरानी अधीन होंगे। 
  • समय से पहले सेवानिवृत्ति कोई सजा नहीं।
  • मोदी द्वारा बर्खास्त किए गए 320 लोगों में 50 आई.आर.एस. अधिकारी भी शामिल हैं। 
  • समीक्षा में नॉन-गजडिट से लेकर सचिव स्तर के सभी पद शामिल हैं।

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Pardeep

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