भारत में हर वर्ष कचरे में जाता है 8 करोड़ टन भोजन, सालाना हर व्यक्ति 55 किग्रा करता है वेस्ट

punjabkesari.in Monday, Apr 01, 2024 - 10:41 AM (IST)

नेशनल डेस्क: संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यू.एन.ई.पी.) द्वारा जारी नई रिपोर्ट ‘फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट में कहा गया है कि  भारत में हर साल करीब 7.8 करोड़ टन से ज्यादा भोजन कचरे में फैंक दिया जा रहा है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से देखें तो देश में सालाना औसतन 55 किलोग्राम भोजन बर्बाद किया जाता है। यह आंकड़े घरों में हो रहे फूड वेस्ट से जुड़े हैं। इससे पहले 2021 में जारी ‘फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट’ में प्रति व्यक्ति बर्बाद किए जा रहे भोजन का यह आंकड़ा सालाना 50 किलोग्राम दर्ज किया गया था। वहीं यदि भारत में उस साल घरों के कुल फूड वेस्ट 6.88 करोड़ टन दर्ज किया गया।

दुनिया भर में 105 टन भोजन की बर्बादी
संयुक्त राष्ट्र फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट 2024 में जारी यदि वैश्विक आंकड़ों को देखें तो सालाना कुल खाद्य उत्पादन का 19 फीसदी बर्बाद हो रहा है, जो करीब 105.2 करोड़ टन के बराबर है। दूसरी ओर दुनिया में 78.3 करोड़ लोग खाली पेट सोने को मजबूर हैं। रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का हर व्यक्ति सालाना करीब 79 किलोग्राम भोजन बर्बाद कर रहा है, जो दुनिया में प्रतिदिन 100 करोड़ थालियों जितने आहार के बर्बाद होने के बराबर है। रिपोर्ट में हैरान कर देने वाली बात यह सामने आई है कि एक तरफ तो जहां कई अफ्रीका देश भुखमरी का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नाइजीरिया जैसे देश भी हैं जहां हर व्यक्ति साल में करीब 113 किलोग्राम भोजन बर्बाद कर देता है। इसी तरह मिस्र में हर व्यक्ति औसतन 163 किलोग्राम भोजन बर्बाद हो रहा है। वहीं तंजानिया में यह आंकड़ा 152 और रवांडा में 141 दर्ज किया गया है।

मालदीव में प्रति व्यक्ति सालाना 207 किग्रा फूड वेस्ट
प्रति व्यक्ति फूड वेस्ट के मामले में मालदीव अव्वल है, जहां प्रति व्यक्ति सालाना 207 किलोग्राम फूड वेस्ट हो रहा है। इसी तरह सीरिया और ट्यूनीशिया में यह आंकड़ा 172, जबकि पाकिस्तान में 130 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ रूस में फूड वेस्ट का यह आंकड़ा सालाना 33, जबकि फिलिपींस में 26 किलोग्राम दर्ज किया गया। इसी तरह बुल्गारिया में 26, भूटान में 19 और मंगोलिया में सालाना प्रति व्यक्ति 18 किलोग्राम फूड वेस्ट हो रहा है। रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि आपसी सहयोग और प्रयासों की मदद से भोजन की हो रही इस बर्बादी को आधा किया जा सकता है।

 


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Content Editor

Mahima

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