अब इस बड़ी चीज पर टैरिफ लगाने की तैयारी में डोनाल्ड ट्रंप, भारत को भी झेलना पड़ सकता है असर
punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 11:31 AM (IST)

नेशनल डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फर्नीचर आयात पर टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। उनका कहना है कि अगले 50 दिनों में जांच पूरी होने के बाद तय किया जाएगा कि अमेरिका में बाहर से आने वाले फर्नीचर पर कितना शुल्क लगाया जाए। ट्रंप के मुताबिक यह कदम देश के उद्योग को दोबारा मजबूत करेगा और उत्पादन को अमेरिका के भीतर बढ़ावा देगा। इस फैसले का असर भारत पर भी पड़ सकता है, क्योंकि भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में फर्नीचर एक्सपोर्ट करता है। अगर टैरिफ बढ़ता है तो भारतीय निर्यातकों के लिए अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा।
यह भी पढ़ें - केंद्र सरकार के नए नियम: 20 साल तक मान्य रहेगी पुरानी गाड़ियां, लेकिन रजिस्ट्रेशन फीस के लिए देनी होगी इतनी भारी रकम
ट्रंप ने अपने बयान में खासतौर पर नॉर्थ कैरोलाइना, साउथ कैरोलाइना और मिशिगन जैसे राज्यों का उल्लेख किया। कभी ये राज्य फर्नीचर उद्योग के बड़े केंद्र थे, लेकिन सस्ता श्रम और कम उत्पादन लागत की वजह से कई कंपनियां अपना काम विदेशों में ले गईं। ट्रंप का कहना है कि नए टैरिफ की वजह से कंपनियां फिर से अमेरिका में उत्पादन करने पर मजबूर होंगी।
इस घोषणा का असर तुरंत अमेरिकी शेयर बाजार पर दिखा। फर्नीचर और होम गुड्स बेचने वाली बड़ी कंपनियों जैसे Wayfair, RH और Williams-Sonoma के शेयर नीचे आ गए, जबकि La-Z-Boy जैसी कंपनी, जो ज्यादातर फर्नीचर अमेरिका में ही बनाती है, उसके शेयरों में बढ़ोतरी हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर टैरिफ लागू होता है तो विदेशी फर्नीचर महंगा हो जाएगा और घरेलू कंपनियों को सीधा फायदा मिलेगा।
यह भी पढ़ें - अब 18 साल से अधिक उम्र के लोगों का नहीं बनेगा आधार कार्ड, राज्य सरकार का बड़ा ऐलान
इस समय अमेरिकी वाणिज्य विभाग इसकी जांच कर रहा है। यह जांच ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट, 1962 की धारा 232 के तहत हो रही है। इस कानून के अनुसार, अमेरिकी सरकार उन उत्पादों पर शुल्क लगा सकती है जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी माना जाता है। हालांकि यह साफ नहीं है कि नया टैरिफ मौजूदा ड्यूटी के अलावा लगाया जाएगा या फिर उसकी जगह लेगा।
कभी अमेरिका का फर्नीचर उद्योग बहुत बड़ा हुआ करता था। 1979 में इस सेक्टर में लगभग 12 लाख लोग काम करते थे, लेकिन 2023 तक यह संख्या घटकर सिर्फ 3.4 लाख रह गई। गिरावट का सबसे बड़ा कारण विदेशों में सस्ता उत्पादन और आउटसोर्सिंग है। ट्रंप का कहना है कि अगर टैरिफ लागू हुआ तो अमेरिकी उद्योग को दोबारा मजबूती मिलेगी और हजारों लोगों को रोजगार वापस मिल सकता है।
ट्रंप प्रशासन पहले से ही कई अन्य उत्पादों पर टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। इनमें कॉपर, सेमीकंडक्टर और दवाएं भी शामिल हैं। इस रणनीति का उद्देश्य है घरेलू उत्पादन बढ़ाना, विदेशी देशों पर निर्भरता कम करना और रोजगार को अमेरिका में वापस लाना।