ब्रिटिश PM ने जलियांवाले कांड पर फिर जताया सिर्फ खेद, माफी से किया परहेज

punjabkesari.in Friday, May 10, 2019 - 10:13 AM (IST)

लंदनः ब्रिटेन की प्रधानमंत्री ने थरेसा मे ने भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान हुए भयानक जलियांवाले कांड के लिए खेद जताया है। थरेसा में ब्रिटिश शासन की इस बड़ी गलती के लिए एक बार फिर माफी मांगने से कतरा गईं और सिर्फ खेद जताकर खानापूर्ति कर दी। भारत में जलियांवाला बाग हत्याकांड की 100वीं बरसी मनाई जा रही है। जिसके अंतर्गत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
PunjabKesari
ब्रिटिश सैनिकों ने 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाले बाग में रॉलेट एक्ट का विरोध कर रहे निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं, जिसमें सैंकड़ों लोग मारे गए थे। ब्रिटेन मानता है कि इस हत्याकांड में 400 लोग मारे गए थे वहीं भारत का मानना है कि इस हत्याकांड में 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। वैसाखी के दिन जनरल डायर के आदेश पर यह गोलियां चलाई गई थीं। लंदन में डाउनिंग स्ट्रीट पर बुधवार शाम को आयोजित समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मे ने पिछले महीने हाउस ऑफ कॉमन्स में दिए गए अपने बयान को दोहराया जिसमें उन्होंने इसे ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर 'शर्मनाक धब्बा' करार दिया था।
PunjabKesari
भारतीय प्रवासियों की अच्छी खासी मौजूदगी के बीच उन्होंने कहा, 'जो हुआ हमें उसपर गहरा खेद है और इतने सारे लोगों को दर्द से गुजरना पड़ा.' उन्होंने कहा, 'उस दिन जो हुआ था उसका विवरण सुनने के बाद कोई भी ऐसा नहीं होगा जो अंदर तक हिल न जाए. कोई भी सच में ये नहीं सोच सकता कि 100 साल पहले उस दिन इस बाग में आने वालों पर क्या गुजरी होगी।' थेरेसा मे ने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री एचएच सक्विथ ने एक बार कहा था कि हमारे पूरे इतिहास की यह सबसे वीभत्स घटना है।'
PunjabKesari
गौरतलब है कि ब्रिटिश संसद और सिख समुदाय जलियांवाला बाग जनसंहार कांड के लिए इंग्लैंड से औपचारिक तौर पर माफी मांगने की लंबे समय से मांग करता रहा है। इन समूहों ने इस घटना के 100 साल पूरे होने के अवसर पर फिर से ब्रिटेन से माफी मांगने की मांग की गई है। विपक्ष की लेबर पार्टी के नेता जर्मी कॉर्बन ने भी मांग की थी कि जिन्होंने इस नरसंहार में अपनी जान गंवाई उनसे माफी मांगी जानी चाहिए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News