Nirmala Sitharaman की वो बजट साड़ी जिसको तैयार करने में लगा था पूरा एक महीना
punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2025 - 10:40 AM (IST)
नेशनल डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब शनिवार को बजट भाषण देने के लिए मीडिया के सामने आईं तो उनके हाथ में बजट बही खाता के साथ-साथ उनकी साड़ी भी आकर्षण का केंद्र बन गई। यह साड़ी खास रूप से मधुबनी पेंटिंग से सुसज्जित थी जिसे प्रसिद्ध पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त कलाकार दुलारी देवी ने डिजाइन किया था और इस साड़ी को तैयार करने में पूरा एक महीना लगा था।
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दुलारी देवी ने बताया कि पिछले साल नवंबर में जब सीतारमण मधुबनी आई थीं तो उन्होंने उन्हें यह साड़ी भेंट की थी। दुलारी देवी ने कहा कि जब यह साड़ी उन्हें भेंट की गई थी तो हमने यह अनुरोध किया था कि इसे आप बजट पेश करते समय पहनें। हमें खुशी है कि सीतारमण जी ने हमारी बात को माना और इसे बजट भाषण में पहना।
मिथिला का मान बढ़ाया
मिथिला के लोगों की ओर से जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने सीतारमण को धन्यवाद देते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने इस साड़ी के माध्यम से मिथिला पेंटिंग और मिथिला क्षेत्र का मान बढ़ाया है। उन्होंने इसके लिए समूचे बिहार और मिथिला के लोगों की तरफ से हार्दिक आभार व्यक्त किया।
साड़ी का निर्माण और पेंटिंग की खासियत
दुलारी देवी ने बताया कि यह साड़ी बेंगलुरु के सिल्क के कपड़े पर पेंटिंग करके बनाई गई है। इसे तैयार करने में उन्हें करीब एक महीना लगा था। आमतौर पर इतना समय नहीं लगता है लेकिन चूंकि वह एक नौकरी भी करती हैं इसलिए उन्हें केवल छुट्टियों में ही साड़ी बनाने का समय मिल पाता है।
जब सीतारमण पिछले साल मिथिला चित्रकला संस्थान सौराठ में आई थीं तब उन्होंने साड़ी के बारे में विस्तार से चर्चा की थी। दुलारी देवी ने बताया कि सीतारमण ने एक पेंटिंग देखकर यह सवाल किया था कि इसमें यह राम हैं तो दुलारी देवी ने उन्हें बताया कि यह उनके धनुष से पहचाने जाते हैं। इसके बाद सीतारमण ने पूछा कि सीता को कैसे पहचाना जा सकता है तो दुलारी देवी ने कहा कि वह अपनी नथ से पहचानी जाती हैं जो मछली जैसी होती है।
साड़ी की कीमत
दुलारी देवी से जब साड़ी की कीमत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मधुबनी पेंटिंग की साड़ी की कीमत सामान्यत: पांच हजार से शुरू होती है और 25 से 30 हजार तक जा सकती है जो कपड़े की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। उन्होंने यह भी कहा कि सीतारमण की साड़ी के मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद उनके पास इस साड़ी को लेकर कई कॉल्स आईं लेकिन उन्होंने किसी को भी साड़ी देने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पास अब केवल चार साड़ी बची हैं।
इस प्रकार निर्मला सीतारमण की साड़ी न सिर्फ उनकी शैली का प्रतीक बनी बल्कि यह भारतीय कला और संस्कृति को भी विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने का एक अहम माध्यम बन गई।