निपाह वायरस: केरल के बाद राजस्थान में भी अलर्ट जारी, सभी CMHO को किया सचेत

punjabkesari.in Thursday, Jun 06, 2019 - 08:48 AM (IST)

कोच्चि: 23 वर्षीय कॉलेज छात्र की वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के साथ ही निपाह ने दोबारा केरल में दस्तक दे दी है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के. शैलजा ने बताया कि निपाह विषाणु की चपेट में आने वाले कॉलेज छात्र की स्थिति स्थिर है, वहीं निगरानी में रखे गए 5 अन्य की स्थिति में सुधार हो रहा है, जिनके जांच परिणाम गुरुवार शाम तक आने की उम्मीद है। इसके अलावा विभिन्न जिलों से छात्र के संपर्क में रहे 311 लोगों पर स्वास्थ्य विभाग निगरानी रख रहा है। वहीं राजस्थान में चिकित्सा विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। सभी जिलों के सी.एम.एच.ओ. को भी सचेत कर दिया है।
PunjabKesari
रिबाविरिन एंटी वायरल कुछ मामलों में हुआ है सहायक
मनुष्य ने चमगादड़ों के निवास स्थान को नष्ट कर दिया है। चमगादड़ तनावग्रस्त हो जाते हैं और भूखे रहते हैं। उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। वायरस का भार बढ़ जाता है और यह मूत्र और लार से बाहर आता है, इससे वायरस फैलता है। यह वायरस जानवरों और फिर मनुष्यों में फैलता है। जिसका अभी तक कोई इलाज या टीका उपलब्ध नहीं है। इस संक्रमण के लिए सिर्फ लक्षणों और सपोर्टिव केयर को ध्यान में रखकर ही उपचार किया जाता है, हालांकि रिबाविरिन नाम का एक एंटी वायरल कुछ मामलों में सहायक हुआ है।
PunjabKesari
यहां से हुई उत्पत्ति
निपाह वायरस 1998 में मलेशिया के एक गांव में कम्पुंग सुंगई निपाह में सामने आया था। इसी गांव के नाम पर वायरस का नाम रखा गया। इसका प्रकोप आमतौर पर दिसंबर से मई के दौरान फैलता है और इसका संक्रमण काल 6 से 21 दिनों तक का होता है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इंसानों को चमगादड़ प्रभावित क्षेत्रों में धकेलने के कारण बीमारी सामने आई है।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Seema Sharma

Related News