अगर आप भी छुट्टियों में माता वैष्णो देवी जाने का प्लान बना रहे हैं तो पढ़ें ये खबर

punjabkesari.in Monday, Nov 13, 2017 - 07:03 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के फैसले का असर सबसे ज्यादा उन श्रद्धालुओं पर पड़ेगा जो यात्रा के लिए छुट्टियों का इंतजार करते हैं। अगर श्राइन बोर्ड द्वारा जारी किए गए श्रद्धालुओं के आंकड़े पर एक नजर दौड़ाए तो एक महीने मे करीब 6 से 7 लाख लोग माता के दर्शन करते हैं वहीं ये आंकड़ा मई, जून, जुलाई में करीब 7 से 11 लाख तक हो जाता है। लिहाजा छुट्टियों के दौरान प्लान बनाने से पहले आपको दो बार सोचना होगा। 
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इन मौकों पर होता है 50 हजार का आंकड़ा पार
-प्रतिदिन करीब 25 से 30 हजार श्रद्घालु माता के दरबार में हाजिरी लगाते हैं लेकिन छुट्टियों और वीकेंड में ये आंकड़ा 50 हजार की संख्या पार कर जाता है। साल में 52 शनिवार और 52 रविवार आते हैं जिनमें ये आकंड़ा 50 हजार के पार जाता है क्योंकि नौकरी पेशे को लोगों को शनिवार रात को यात्रा के लिए निकलकर रविवार को वापसी की उम्मीद होती है। जिससे उनका समय तो बचता ही और छुट्टी लेने का भी इंतजार नहीं करना पड़ता। 

-नववर्ष में अच्छी शुरुआत हो इसी कामना के साथ माता के दर्शनों के लिए भी करीब लाखों श्रद्घालु माता के दरबार जाते हैं। ऐसे में हर साल बोर्ड को साल के पहले दिन में करीब 50 हजार से ज्यादा श्रद्घालुओं के माता के दर्शन करने की उम्मीद होती है। ऐसे में एनजीटी के फैसले के बाद भी इसकी संख्या में गिरावट देखने को मिल सकती है। 

-हिंदू धर्म में देशी साल का खास महत्व है। जिसकी शुरुआत भी श्रद्घालु माता के दर्शनों के साथ करते हैं। इस दौरान भी श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार से उपर होती है। 

- जून,जुलाई की छुट्टियों में तो साल के सबसे ज्यादा श्रद्धालु माता के दर्शन करते हैं क्योंकि इस दौरान स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां होता है इसलिए लोग अपने परिवार सहित माता के दर्शन के लिए जाते हैं। 

- नवरात्र में भी माता वैैष्णो देवी की यात्रा पर जाने वाले श्रद्घालुओं को जमावड़ा देखने को मिलता है।  नवरात्रि साल में दो बार मनाई जाती है। पहला चैत्र मास में, जिसे चैत्र नवरात्र कहते हैं और दूसरा आश्व‍िन मास में, जिसे शारदीय नवरात्र‍ि कहते हैं। इस दौिरान भारी संख्या में श्रद्घालु माता के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचते हैं। 

एनजीटी का आदेश
एनजीटी ने आज निर्देश दिया कि जम्मू स्थित वैष्णोदेवी मंदिर में दर्शन के लिए प्रतिदिन केवल 50,000 तीर्थयात्रियों को ही जाने की इजाजत होगी। ऐसा किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए किया गया है। एनजीटी की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि तीर्थयात्रियों की संख्या तय संख्या 50,000 से अधिक होगी तो उन्हें अद्र्धकुमारी या कटरा में रोक दिया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि वैष्णोदेवी भवन की क्षमता 50,000 से अधिक नहीं है।


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