New Vice-President: उपराष्ट्रपति पद की रेस में बड़ा बदलाव! BJP इस बार अपने फैसले से कर सकती हैं सबको हैरान

punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 11:05 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में इस बार बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद बीजेपी के सामने एक सुनहरा मौका है कि वह अपने अगले उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर ऐसा फैसला करे जो सभी को चौंका दे। पार्टी न सिर्फ अपनी राजनीतिक रणनीति को मजबूती दे सकती है, बल्कि नए चेहरे को मौका देकर पूरी राजनीतिक तस्वीर ही बदल सकती है। भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा मंगलवार को मंजूर कर लिया। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए नया चुनाव करवाना जरूरी हो गया है। अब निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। जल्द ही चुनाव की तारीख भी घोषित कर दी जाएगी। इस बीच कई नाम उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में चर्चा में आ रहे हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत उपराष्ट्रपति चुनाव कराने का अधिकार भारतीय निर्वाचन आयोग को प्राप्त है। यह चुनाव "राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम, 1952" और "राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव नियम, 1974" के तहत संपन्न कराया जाता है।उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 786 सांसद वोट डालते हैं। विजयी होने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 394 वोट हासिल करने होते हैं। जानिए कौन-कौन से नाम चर्चा में हैं और क्यों इस बार बीजेपी का फैसला खास हो सकता है।

अंकगणित: एनडीए के पास है मजबूत बहुमत

इस चुनाव में एनडीए गठबंधन के पास कुल 422 सांसद हैं, जबकि विपक्ष के इंडिया गठबंधन के पास 313 सांसद हैं। इसके अलावा 51 अन्य छोटे दल और स्वतंत्र सांसद हैं जिनमें आम आदमी पार्टी, बीजेडी, वाईआरएस कांग्रेस जैसे दल शामिल हैं। इस स्थिति में एनडीए अपने उम्मीदवार को आसानी से जीताने में सक्षम माना जा रहा है।

उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में प्रमुख उम्मीदवार

चुनाव से पहले ही कई नाम उपराष्ट्रपति पद की रेस में चर्चा में हैं। इनमें से मुख्य उम्मीदवारों की जानकारी इस प्रकार है:

रामनाथ ठाकुर

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर से मुलाकात की। इसके बाद उनके उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने की चर्चा तेज हो गई है। रामनाथ ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं। वे ओबीसी समुदाय से आते हैं और बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा उनके नाम को मजबूत कर सकती है।

थावर चंद गहलोत

थावर चंद गहलोत कर्नाटक के राज्यपाल हैं और दलित समुदाय से आते हैं। वे कई बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और मोदी सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय संभाल चुके हैं। गहलोत विवादों से दूर रहने वाले नेता हैं और प्रशासनिक अनुभव व जातीय समीकरणों के कारण उन्हें उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है।

ओम माथुर

ओम माथुर वर्तमान में सिक्किम के राज्यपाल हैं। राजस्थान, झारखंड, बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पार्टी के लिए जिम्मेदारियां निभाने वाले माथुर भाजपा के वरिष्ठ और भरोसेमंद नेता माने जाते हैं। वे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह दोनों के करीबी हैं।

आरिफ मोहम्मद खान

आरिफ मोहम्मद खान बिहार के वर्तमान राज्यपाल हैं। वे राजीव गांधी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। मोदी सरकार में मुस्लिम चेहरों की कमी को देखते हुए बीजेपी यदि खान को उम्मीदवार बनाती है तो यह विपक्ष के लिए बड़ा झटका हो सकता है।

हरिवंश नारायण सिंह

हरिवंश नारायण सिंह वर्तमान में राज्यसभा के उपसभापति हैं। वे जेडीयू के कोटे से सांसद हैं और पत्रकारिता से राजनीति में आए हैं। सौम्य स्वभाव और संसद संचालन में कुशलता के कारण उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए एक उपयुक्त विकल्प माना जाता है।

बीजेपी कर सकती है नया चेहरा सामने

हालांकि इन नामों के बीच भाजपा कभी-कभी अप्रत्याशित कदम भी उठाती है। पिछले चुनावों में पार्टी ने कई बार नए और चौंकाने वाले नामों को मौका दिया है। इस बार भी भाजपा किसी नए चेहरे को आगे लेकर आ सकती है, जिससे विपक्ष और राजनीतिक दल चौंक सकते हैं।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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