Live Update: संकट में नेपाल सरकार! इस्तीफा देते ही गृह मंत्री के घरआगजनी, कृषि-स्वास्थ्य सहित कई मंत्रियों ने भी छोड़े पद
punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 12:10 PM (IST)

Kathmandu: युवाओं के तीखे विरोध और बढ़ती हिंसा के दबाव के बाद नेपाल सरकार ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया से बैन हटा लिया। कैबिनेट बैठक के बाद संचार मंत्री पृथ्वी गुरुंग ने घोषणा की-“सरकार ने प्रदर्शनकारियों की बात मान ली है। दरअसल, रविवार को भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुए Gen-Z आंदोलन (18–28 वर्ष के युवा) ने नेपाल की राजनीति को हिला दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़पों में दर्जनों लोगों की मौत हो गई और 400 से ज्यादा लोग घायल हुए। ग्लोबल कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के छात्र श्रीयम चौलागैन (19 वर्ष) की मौत आंदोलन का प्रतीक बन गई।
Live Update: नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने सरकार की नींव हिला दी है। सोमवार को पुलिस फायरिंग में 19 लोगों की मौत के बाद मंत्रियों के इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया है।
- सबसे पहले गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दिया।
- इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद भीड़ ने उनके घर पर तोड़फोड़ और आगजनी कर दी।
- नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने भी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया।
- मंगलवार को कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने भी पद छोड़ दिया।
- अब स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल ने भी इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।
- उनका कहना है “इस स्थिति में सरकार में बने रहना बेमानी है।”
- नेपाली कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने भी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दिया।
- 19 मौतें और 400+ घायल ।
- सोशल मीडिया बैन खत्म।
- नेपाल कांग्रेस और UML में दरार।
- अंतरराष्ट्रीय दबाव और बॉर्डर सील।
- कर्फ्यू और सुरक्षा अलर्ट। काठमांडू और भक्तपुर जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू
- भीड़, जुलूस, सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक।
- सिर्फ एम्बुलेंस, दमकल, शव वाहन, स्वास्थ्यकर्मी, पत्रकार, राजनयिक और टिकट दिखाने वाले यात्रियों को छूट ।
- राजधानी के ट्रॉमा सेंटर और अन्य अस्पतालों में 421 घायलों का इलाज चल रहा है।
- कैबिनेट ने फैसला किया है कि सभी घायलों का इलाज निःशुल्क होगा।
राजनीतिक भूचाल
गृहमंत्री के बाद कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने भी इस्तीफा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने नागरिकों के अधिकारों का हनन किया है और बल प्रयोग लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है। नेपाली कांग्रेस (PM ओली की सहयोगी पार्टी) के भीतर गठबंधन तोड़ने पर चर्चा शुरू गई है। महासचिव विश्वप्रकाश शर्मा और नेता बिमलेंद्र निधि ने UML से अलग होकर नई राजनीतिक साझेदारी की मांग की। हालांकि अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने कहा “फिलहाल 7 सूत्रीय समझौते के कारण गठबंधन नहीं तोड़ा जा सकता।”
अंतरराष्ट्रीय दबाव
UN मानवाधिकार कार्यालय ने हिंसा पर गहरी चिंता जताई और निष्पक्ष जांच की मांग की। भारत ने भी नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी। बिहार के 7 जिलों (प. चंपारण, पू. चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल, किशनगंज) की सीमाएं सील कर दी गईं। SSB हाई अलर्ट पर।
फिर से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू
बता दें कि नेपाल की राजधानी काठमांडू में अधिकारियों ने पहले के जारी आदेश को हटाए जाने के कुछ ही घंटों बाद, मंगलवार को फिर से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया। काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने सुबह साढ़े आठ बजे से अगली सूचना तक पूरे शहर में कर्फ्यू लागू करने का आदेश जारी किया। सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर सोमवार को सुरक्षा बलों और युवाओं के समूहों के बीच झड़पें हुई थीं जिनमें 19 लोगों की मौत हो गई और 400 से अधिक लोग घायल हो गए।स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए यह कदम उठाया गया। पूर्व में जारी कर्फ्यू मंगलवार सुबह पांच बजे समाप्त हो गया।
काठमांडू के मुख्य जिलाधिकारी छविलाल रिजाल द्वारा जारी नोटिस में कहा गया, ‘‘कर्फ्यू के दौरान लोगों की आवाजाही, किसी भी प्रकार की सभा, विरोध-प्रदर्शन, बैठक और धरने की अनुमति नहीं होगी।'' नोटिस में कहा गया, ‘‘हालांकि, एंबुलेंस, दमकल की गाड़ियों, स्वास्थ्यकर्मियों को ले जाने वाले वाहनों, पर्यटकों, मीडियाकर्मियों और हवाई यात्रियों को सुरक्षा कर्मियों के साथ समन्वय स्थापित कर आने-जाने की अनुमति दी जाएगी।'' भक्तपुर जिले के प्रशासन ने भी पेप्सीकोला, राधेराधे चौक, सल्लाघरी, दुवाकोट और चांगुनारायण मंदिर सहित कई इलाकों में मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया।