Nepal Crisis: 75 साल पहले भारत का हिस्सा बन सकता था नेपाल, अगर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू...

punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 04:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'The Presidential Years' में एक दिलचस्प ऐतिहासिक घटना का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को प्रस्ताव दिया था कि नेपाल को भारत में शामिल कर दिया जाए। हालांकि, नेहरू ने यह ऑफर अस्वीकार कर दिया और नेपाल को स्वतंत्र राष्ट्र बनाए रखने की बात कही।

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प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में क्या लिखा?

प्रणब मुखर्जी ने अपने 11वें चैप्टर 'My Prime Minister: Different Styles, Different Temperaments' में बताया कि हर प्रधानमंत्री की कार्यशैली अलग होती है। उन्होंने लिखा कि लाल बहादुर शास्त्री और नेहरू की सोच में कई अंतर थे। नेहरू कूटनीति और लोकतंत्र को महत्व देते थे, इसलिए उन्होंने नेपाल को स्वतंत्र राष्ट्र बनाए रखना पसंद किया। मुखर्जी ने यह भी लिखा कि यदि इंदिरा गांधी इस अवसर पर होतीं, तो वे शायद इस मौके का फायदा उठातीं। उनका उदाहरण सिक्किम के विलय से दिया गया, जो इंदिरा गांधी के समय भारत में शामिल हुआ।

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नेपाल में वर्तमान हालात

नेपाल में पिछले तीन दिनों से हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। प्रदर्शनकारियों ने संसद, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और कई सरकारी विभागों में आग लगा दी।

  • प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने हालात बिगड़ने पर इस्तीफा दे दिया है और अब देश छोड़ने की फिराक में हैं।
  • देश की GEN-Z आबादी सोशल मीडिया पर प्रतिबंध से नाराज है। हालांकि बैन हट चुका है, लेकिन प्रदर्शनकारी अभी भी सड़कों पर हैं।
  • राजधानी काठमांडू में सड़कों पर सेना की गश्त है और हिंसक प्रदर्शन जारी हैं।


 


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Content Editor

Mehak

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