'56 इंच चौड़ी छाती पर चीनी चढ़े बैठे हैं, और वह चुपचाप है' बीजेपी सांसद के ट्विट पर भड़की फौजिया खान

punjabkesari.in Monday, Feb 07, 2022 - 02:30 PM (IST)

नई दिल्ली:  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सदस्य फौजिया खान ने स्वतंत्रता, सार्वभौमिकता, धर्मनिरपेक्षता, न्याय, आजादी और लैंगिक समानता पर सरकार के दावों को खारिज करते हुए सोमवार को दावा कि पिछले कुछ सालों में संवैधानिक मूल्यों का अवमूल्यन हुआ है। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए खान ने सरकार पर उपरोक्त सभी मुद्दों पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि लोकतंत्र भ्रम नहीं है। इस सरकार के पास एक ही अस्त्र है और वह है भ्रम अस्त्र। हर जगह भ्रम फैलाओ। 

 
उन्होने कहा कि आजादी को हल्के में नहीं लिया जा सकता..पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि विभिन्न संवैधानिक मूल्यों का अवमूल्यन हुआ है। फौजिया ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चीन की गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि रक्षा बजट में पिछले तीन सालों से लगातार कमी आ रही है जबकि बजट अनुमान बढ़ता जा रहा है।
 

नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की 2020 की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए राकांपा नेता कहा कि सियाचीन और लद्दाख में तैनात सैनिकों को गर्म कपड़े, जैकेट और पर्याप्त पोषक खाना नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएजी ने इसकी जांच की सिफारिश की थी लेकिन पता नहीं इस मामले में क्या हुआ। पड़ोसी देशों के साथ भारत के मौजूदा संबंधों  चिंताजनक बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे में देश की सार्वभौमिकता को कैसे फायदा पहुंचेगा जब यहां 80 और 20 फीसदी की बात की जाएगी। ऐसे में तो 20 प्रतिशत (आबादी) असंतुष्ट होगी। इससे सार्वभौमिकता को मजबूती नहीं मिलने वाली है।
 

उन्होंने कहा कि खासकर अल्पसंख्यकों के पूजा व धार्मिक स्थलों पर हमलों में लगातार वृद्धि हो रही है और सरकार ऐसे घटनाक्रमों को तब वैधानिकता प्रदान करती है जब वह मौन साध लेती है और दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह धर्मनिरपेक्षता के विचार के लिए शर्मनाक नहीं है।कर्नाटक में स्कूल-कॉलेज के छात्राओं के हिजाब पहनने पर हो रहे विवाद का उल्लेख करते हुए खान ने कहा कि यह कैसी स्वच्छंदता है कि लोगों की पसंद पर पहरा लगाया जा रहा है।
 

उन्होंने कहा कि मैं क्या खाऊं, मैं क्या पहनूं, मैं किससे शादी करू और किससे प्यार करूं, मैं किसकी पूजा करूं...अगर मुझे अपने पसंद की अनुमति नहीं होगी...तो कहा है आजादी...। ’ खान ने लैंगिक समानता पर एक अंतरराष्ट्रीय संस्था के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में 156 देशों में भारत 140वें स्थान पर है और सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों की सूची में तीसरे स्थान पर है।
 

उन्होंने कहा कि यह सरकार महिला सशक्तीकरण की बात करती है तो उसे महिला आरंक्षण कानून बनाना चाहिए। उन्होंने इस कड़ी में सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक महिलाओं की ‘‘नीलामी’’ का भी मुद्दा उठाया और इस पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए।
 

 इस दौरान उन्होंने बीजेपी के कोटे से सांसद सुब्रमण्यम स्वामी  के ट्वीट को लेकर पीएम मोदी पर भी  तंज कसा।  उन्होंने बिना स्वामी का नाम लिए कहा कि बीजेपी से आने वाले एक सांसद ने ट्वीट किया था- 56 इंच चौड़ी छाती पर चीनी चढ़े बैठे हैं, और वह चुपचाप है।
 

 फौजिया ने यह भी कहा कि यह बयान बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बजट बढ़ रहा है, लेकिन रक्षा के लिए आवंटन लगातार कम हो रहा है। पिछले 3 साल से इसमें लगातार गिरावट आई है। उन्होंने 2020 की कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सियाचिन और लद्दाख सीमा पर सैनिकों के पास गर्म कपड़ों, जैकेट, जूतों और बर्फ के चश्मों की कमी है।
 

दरअसल, सुब्रमण्यम स्वामी ने पिछले दिनों एक ट्वीट के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधा था। भाजपा सांसद ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि मोदी की 56 इंच चौड़ी छाती पर चीनी बैठे हैं और वह चुपचाप हैं। बता दें कि इस पर एक ट्विटर यूजर ने एक खबर को शेयर किया था जिसमें चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत के साथ उसका सीमा विवाद दोनों देश का मुद्दा है और तीसरे देश को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस ट्वीट को सुब्रमण्यम स्वामी को टैग किया जिसके जवाब में स्वामी ने यह ट्विट किया था। 
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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