नौसेना के जांबाज कमांडर अभिलाष लौटे वतन, हिंद महासागर में जीती मौत से जंग

punjabkesari.in Sunday, Oct 07, 2018 - 11:34 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दक्षिण हिंद महासागर में लहरों और तूफान के साथ मौत की जंग जीतकर नौसेना के कमांडर अभिलाष टॉमी आज वतन लौट आए हैं। उन्हें शनिवार को आईएनएस सतपुड़ा से सुरक्षित विशाखपतनम लाया गया। वाइस एडमिरल करमबीर सिंह ने कमांडर से मुलाकात कर उनकी स्वास्थ्य हालत और रेस्क्यू मिशन के बारे में जानकारी ली। 
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गत 21 सितंबर को कमांडर की स्वदेशी नौका थूरिया समुद्री तूफान में 14 मीटर ऊंची लहरों की चपेट में आकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी थी और गिरने से उनकी रीढ की हड्डी में गंभीर चोट लगी थी। वह हिल डुल नहीं पा रहे थे और चार दिन तक अकेले जीवन और मौत से जूझते रहे। उस समय उनकी नौका दक्षिण हिन्द महासागर में आस्ट्रेलिया में पश्चिमी पर्थ से 1900 समुद्री मील दूर थी।  नौसेना ने उन्हें बचाने के लिए‘ऑपरेशन रक्षम’चलाया और उसके टोही विमान पी 8 आई ने बचाव अभियान की निगरानी के लिए मारीशस से उडान भरी। 
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नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सतपुड़ा और ज्योति को भी बचाव अभियान में लगाया गया। पी 8 आई विमान ने कमांडर अभिलाष का पता लगाकर बचावकर्मियों तक उनकी स्थिति की जानकारी पहुंचायी। आखिरकार 24 सितंबर को फ्रांस की मछली पकडऩे वाली एक नौका ने उन्हें बचा लिया और इले अमस्टर्डम तक पहुंचाया जहां उनका उपचार किया गया। गत 28 सितंबर को आईएनएस सतपुड़ा अमस्टर्डम पहुंचा और पोत पर तैनात हेलिकॉप्टर की मदद से उन्हें पोत पर लाया गया। पोत पर उन्हें जरूरी चिकित्सा मुहैया करायी गयी और आज यह पोत विशाखापतनम पहुंच गया। 

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कमांडर अभिलाष को नौसेना के आईएनएचएस कल्याणी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभिलाष को लाने में आईएनएस सतपुडा के कैप्टन आलोक आनंद ने बड़े ही धैर्य और साहस का परिचय दिया। मिशन के दौरान उन्हें पता चला कि उनके पिता का देहांत हो गया है लेकिन उन्होंने बिना विचलित हुए मिशन को अधूरा नहीं छोड़ा और आज उसे पूरा भी किया। ऑपरेशन रक्षम की सफलता से एक बार फिर नौसेना की पहुंच और क्षमता की पुष्टि हुई है कि वह आपात स्थिति में किसी भी मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकती है।  


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vasudha

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