C-295 Aircraft: भारत में पहली बार बनेंगे C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास

punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2022 - 11:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को वायु सेना के लिए सी-295 परिवहन विमान के उत्पादन को लेकर गुजरात के वडोदरा में एक विनिर्माण सुविधा की आधारशिला रखेंगे। यूरोपीय कंपनी एयरबस और भारतीय समूह टाटा के एक कंसोर्टियम (संघ) द्वारा इन विमानों का उत्पादन किया जाएगा। घरेलू एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। परियोजना की घोषणा करते हुए रक्षा सचिव अजय कुमार ने बृहस्पतिवार कहा कि यह विनिर्माण सुविधा विमान के निर्यात के साथ-साथ भारतीय वायु सेना के लिए अतिरिक्त ऑर्डर को पूरा करेगी। पिछले साल सितंबर में भारत ने वायुसेना के पुराने एवरो-748 विमानों के स्थान पर 56 सी-295 परिवहन विमान की खरीद के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ करीब 21,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए। 

समझौते के तहत, एयरबस चार साल के भीतर सेविले, स्पेन में अपनी अंतिम असेंबली लाइन से ‘उड़ान की स्थिति में तैयार' पहले 16 विमान की आपूर्ति करेगी और बाद में 40 विमान भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) द्वारा निर्मित और ‘असेंबल' किए जाएंगे। यह निर्माण दोनों कंपनियों के बीच एक औद्योगिक साझेदारी के हिस्से के रूप में होगा। इस परियोजना के तहत पहली बार निजी कंपनी द्वारा सैन्य विमान का निर्माण भारत में किया जाना है। परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है। विमान का इस्तेमाल नागरिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है। कुमार ने कहा कि विमान में स्वदेशी सामग्री ‘‘96 प्रतिशत'' तक होगी, एयरबस स्पेन में अपनी विनिर्माण सुविधा में जैसा करती है वही भारत में किया जाएगा।'' 

साथ ही, उन्होंने जोड़ा कि इसमें विमान का इंजन शामिल नहीं होगा। वडोदरा में शिलान्यास समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल सहित अन्य विशिष्टगण शामिल होंगे। कुमार ने केरल से वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘उड़ान भरने के लिए तैयार पहले 16 विमान सितंबर 2023 और अगस्त 2025 के बीच प्राप्त होने वाले हैं। पहला मेड-इन-इंडिया विमान सितंबर 2026 में मिलने की उम्मीद है।'' वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल संदीप सिंह ने कहा कि विमान एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स (एएलजी) और यहां तक कि बिना तैयार रनवे से भी संचालित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि विमान लगभग 40-45 पैराट्रूपर्स या लगभग 70 यात्रियों को ले जा सकता है। 

कुमार ने कहा, ‘‘यह पहली बार है जब सी-295 विमान का निर्माण यूरोप के बाहर किया जाएगा। यह घरेलू एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।'' उन्होंने कहा कि सभी 56 विमानों को सरकार संचालित भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किए जाने वाले स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना को 56 विमानों की आपूर्ति पूरी होने के बाद, एयरबस डिफेंस एंड स्पेस को भारत में निर्मित विमानों को नागरिक ऑपरेटर को बेचने और उन देशों को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी, जिन्हें भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है। सी-295एमडब्ल्यू समकालीन तकनीक के साथ 5-10 टन क्षमता का एक परिवहन विमान है जो भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो विमान की जगह लेगा। इसमें त्वरित प्रतिक्रिया के लिए एक ‘रियर रैंप' दरवाजा और सैनिकों और सामान के पैरा ड्रॉपिंग की सुविधा होगी है। तुरंत उड़ान भरने और उतरने के साथ अर्द्ध तैयार सतह से भी यह उड़ान भर सकता है। 

विमान भारतीय वायुसेना की साजो-सामान संबंधी क्षमताओं को और मजबूत करेगा। कुमार ने कहा, ‘‘परियोजना भारतीय निजी क्षेत्र के लिए प्रौद्योगिकी संपन्न और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी विमानन उद्योग में प्रवेश करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। यह घरेलू विमानन निर्माण को बढ़ावा देगी जिसके परिणामस्वरूप आयात निर्भरता कम होगी और निर्यात में अपेक्षित वृद्धि होगी।'' रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत में 13,400 से अधिक कलपुर्जे, 4,600 सब-असेंबली और सभी सात प्रमुख कंपोनेंट असेंबली का निर्माण किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि इंजन, लैंडिंग गियर और एवियोनिक्स जैसे विभिन्न सिस्टम ‘एयरबस डिफेंस एंड स्पेस' द्वारा प्रदान किए जाएंगे और टाटा कंसोर्टियम विमान पर इसे जोड़ेगा।


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Content Writer

Anil dev

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