कोरोना से मौत के मुहाने पर पति, उसके स्पर्म से मां बनना चाहती है पत्नी, हाई कोर्ट ने दी इजाजत

punjabkesari.in Wednesday, Jul 21, 2021 - 01:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गुजरात उच्च न्यायालय ने वडोदरा के एक अस्पताल को कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित एक व्यक्ति के नमूने ‘आईवीएफ/असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी' (एआरटी) प्रक्रिया के लिए एकत्र करने का निर्देश दिया है, क्योंकि मरीज की जान बचने की उम्मीद बेहद कम है और उसकी पत्नी उसके बच्चे की मां बनना चाहती है। दरअसल गुजरात में कोरोना की वजह से एक मरीज वेंटिलेटर पर अंतिम सांसें गिन रहा है। मगर उसकी पत्नी अपने प्रेम की आखिरी निशानी के तौर पर उससे एक बच्चा चाह रही है। ऐसे में उसने आईवीएफ तकनीक के जरिए उसके स्पर्म से बच्चा पाने की गुहार लगाई, जिस पर गुजरात हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी है।

अदालत ने इसे एक ‘‘ असाधारण स्थिति'' मानते हुए मंगलवार को मामले में आदेश सुनाया। मरीज की पत्नी की याचिका पर तत्काल सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति जे. शास्त्री ने वडोदरा के एक अस्पताल को ‘आईवीएफ/असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी' (एआरटी) प्रक्रिया के लिए मरीज के नमूने एकत्र करने और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार इसे उचित स्थान पर रखने का निर्देश दिया। मरीज की पत्नी के वकील निलय पटेल ने कहा कि याचिकाकर्ता आईवीएफ/एआरटी प्रक्रिया के जरिए उसके बच्चे की मां बनना चाहती हैं, लेकिन अस्पताल इसकी अनुमति नहीं दे रहा, इसलिए उसे अदालत का रुख करना पड़ा। 

अदालत ने कहा, ‘‘एक असाधारण महत्वपूर्ण स्थिति को देखते हुए अभी के लिए अंतरिम राहत दी जाती है और यह राहत याचिका की सुनवाई पूरी होने के बाद आने वाले फैसले के अधीन होगी।'' अदालत ने राज्य सरकार और अस्पताल के निदेशक को नोटिस जारी कर 23 जुलाई तक मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने का भी कहा है। पटेल ने कहा कि याचिकाकर्ता का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमित उसके पति के कई अंगों ने काम करना बंद दिया है और वह जीवन रक्षक प्रणाली पर है। चिकित्सकों के अनुसार, मरीज के जीवित बचने की बहुत कम उम्मीद है। अदालत ने याचिकाकर्ता और संवाद के लिए मौजूद सहायक सरकारी वकील को अस्पताल को आदेश की जानकारी देने का निर्देश दिया कि मरीज की नाजुक हालत देखते हुए उसके नमूनों को एकत्रित किया जाए। 


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Content Writer

Anil dev

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