अंदर से विमान की तरह दिखेगी वंदे भारत ट्रेन,  रिसर्च और डेवलपमेंट पर खर्च होंगे 3000 करोड़

punjabkesari.in Tuesday, Aug 02, 2022 - 01:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: घरेलू स्टील कंपनी टाटा स्टील अत्याधुनिक ट्रेन वंदे भारत की रिसर्च और डेवलपमेंट में कंपनी 3000 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है। यह ट्रेन अंदर से विमान की तह दिखेगी। इसके अलावा कंपनी 2030 तक वैश्विक इस्पात उद्योग में शीर्ष 5 प्रौद्योगिकी फर्मों में शामिल होने का भी लक्ष्य बना रही है। यह देश में अपनी तरह का पहला सीटिंग सिस्टम होगा। टाटा स्टील के उपाध्यक्ष देवाशीष भट्टाचार्य के अनुसार, कंपनी के कंपोजिट सेक्शन को वंदे भारत एक्सप्रेस की 22 ट्रेनों के लिए सीटें उपलब्ध कराने का ऑर्डर मिला है। भट्टाचार्य ने कहा कि इन सीटों को खास तरह से डिजाइन किया गया है जो 180 डिग्री तक घूम सकती है।

ट्रेन में विमानों की सीटों की तरह की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। यह ट्रेन सीट की अपनी तरह की भारत में पहली सप्लाई है। सितंबर से इन सीटों की सप्लाई शुरू होगी और 12 महीनों में इसे पूरा किया जाएगा। इन सीटों को फाइबर रिइंफोर्स्ड पॉलिमर (एफआरपी) से बनाया गया है। इनके रखरखाव की लागत भी कम होगी। यह सुविधाजनक होने के साथ यात्रियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखेंगी। पूरी तरह से स्वदेश में विकसित वंदे भारत ट्रेन 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी। यह देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों में से एक है।

टाटा स्टील के कंपोजिट डिवीजन ने वंदे भारत एक्सप्रेस की सीटों के लिए दिया गया ऑर्डर 145 करोड़ का है।  इसमें 22 ट्रेन सेटों के लिए पूर्ण बैठने की व्यवस्था की आपूर्ति शामिल है, जिसमें प्रत्येक ट्रेन सेट में 16 कोच हैं। सीटों में प्रयुक्त एफआरपी में उच्च संक्षारण प्रतिरोध और कम रखरखाव लागत होगी। भट्टाचार्य ने कहा कि इसके अलावा यह अग्निरोधी संपत्ति के यूरोपीय मानक के अनुरूप होगा और यात्रियों को बेहतर सुरक्षा और आराम प्रदान करेगा। वंदे भारत को ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाएगा।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anil dev

Recommended News

Related News