Farmers Protest: किसानों के आंदोलन पर भड़की बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी, किया अपशब्दों का प्रयोग

punjabkesari.in Thursday, Jul 22, 2021 - 06:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मोदी सरकार में हाल ही में मंत्री बनाई गईं मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें मवाली कह डाला। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जो प्रदर्शन कर रहे हैं वे किसान नहीं है। उन्होंने कहा कि जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो शर्मनाक था। इस तरह की हरकत किसानों की नहीं हो सकती है। ये सभी आपराधिक गतिविधियां थी इसपर संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के इस हरकत को विपक्ष द्वारा बढ़ावा दिया गया और इसकी भी जांच होनी चाहिए।

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एक सवाल के जवाब में मीनाक्षी लेखी ने कहा, ''सबसे पहले तो उन्हें किसान कहना बंद कीजिए, क्योंकि वे किसान नहीं है, वे षड्यंत्रकारी लोगों के हत्थे चढ़े हुए कुछ लोग हैं, जो लगातार किसानों के नाम पर ये हरकतें कर रहे हैं। किसानों के पास समय नहीं है, जंतर-मंतर आकर बैठने का, वह अपने खेत में काम कर रहा है। ये आढ़तियों के द्वारा चढ़ाए गए लोग हैं, जो चाहते नहीं कि किसानों को फायदा मिले। उन्होंने कहा, ये सारा प्रदर्शन राजनीतिक एजेंडे के तहत चल रहा है। 

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संसद सत्र के बीच किसानों का कृषि कानून के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन 
संसद में मानसून सत्र के बीच केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने मध्य दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया। पुलिस ने मध्य दिल्ली के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी है और वाहनों की आवजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है। संसद भवन इससे कुछ ही मीटर की दूरी पर है। पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचे। किसान यहां अपनी पहचान उगागर करने वाले बैज पहने और हाथ में अपनी यूनियनों के झंडे लिए हुए नजर आए। 

नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
गौरतलब है कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर तथा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए। हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसान हितैषी हैं। सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। 


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Anil dev

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