ISS में भेजने के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री को ट्रेनिंग देगा NASA
punjabkesari.in Thursday, Nov 30, 2023 - 05:51 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क. भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच गहरे अंतरिक्ष संबंधों के बीच, नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने बुधवार को कहा कि नासा अगले साल की शुरुआत में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के लिए प्रशिक्षित करेगा। बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए नेल्सन ने कहा, "विज्ञान को साझा करने का एक अवसर है, जहां उन्हें गुरुवार को एनआईएसएआर उपग्रह का निरीक्षण करना है।"
NASA-ISRO SAR (NISAR) नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित low-Earth orbit observatory system है। लगभग एक एसयूवी के आकार का यह उपग्रह अगले साल की पहली तिमाही में भारत से लॉन्च किया जाएगा।
NISAR हर 12 दिनों में एक बार पूरे ग्रह का मैप तैयार करेगा, जो पारिस्थितिकी तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए डेटा प्रदान करेगा।
भारत के चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग को एक बार फिर सराहते हुए नेल्सन ने बताया कि अमेरिका भी 2024 में ऐसे ही मिशन की योजना बना रहा है। इस मिशन व्यावसायिक लैंडर चंद्रमा पर उतारे जाएंगे। भारत ने ऐसा सबसे पहले किया, उसे इसका श्रेय मिलना चाहिए।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अमेरिकी मिशन के जरिए आईएसएस पर भेजने के नासा के प्रस्ताव पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि हम चाहेंगे कि मिशन को कुछ इस प्रकार से अंजाम दें कि इससे हमें लाभ मिले। साथ ही चाहेंगे कि हमारे अंतरिक्ष यात्रियों, चिकित्सा-दल, कंट्रोल दल आदि को भी अमेरिकी केंद्रों पर प्रशिक्षण मिले। आईएसएस के लिए अंतरिक्ष उड़ान का अनुभव मिले। यह सब हमारे गगनयान कार्यक्रम को बेहतर बनाने में मदद करेगा।