क्या 'लैंडर विक्रम' को खोज लाएगा NASA? इस मैसेज के जरिए कर रहा ISRO की मदद
punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2019 - 01:54 PM (IST)
नेशनल डेस्क: चांद की सतह से महज दो किमी पहले चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया है। तब से लेकर वैज्ञानिक विक्रम से संपर्क साधने की कोशिशों से जूझ रहे हैं। वहीं इसी बीच दुनिया का सबसे बड़ा स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन नासा (NASA) भी इसरो की मदद के लिए आगे आया है। नासा ने विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश में 'हैलो' मेसेज भेजा है।
#DSN 24 beams ~12KW of RF at the #Moon in hopes of stimulating #Chandrayaan2's lander #VikramLander into communicating with home. Here's a eerie recording of the searcher's signal reflected off the Moon and back to Earth via EME (Earth Moon Earth) on 2103.7MHz. pic.twitter.com/SgOtaIsSYh
— Scott Tilley (@coastal8049) September 10, 2019
नासा ने अपने डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) के जेट प्रपल्शन लैब्रटरी (JPL) की प्रयोगशाला से विक्रम को एक रेडियो संदेश भेजा है। हालांकि लैंडर विक्रम की तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। अमेरिका के एक एस्ट्रॉनॉट स्कॉट टिले ने भी इस बात की पुष्टि की है कि नासा ने कैलिफोर्निया स्थित DSN स्टेशन से लैंडर विक्रम को रेडियो फ्रीक्वेंसी भेजी हैं। उन्होंने सिग्नल को रिकॉर्ड कर ट्वीटर पर भी साझा किया है।
एक अन्य अंतरिक्षयात्री स्कॉट टिल्ले ने भी इस बात की पुष्टि की है कि नासा के कैलिफोर्निया स्थित डीएसएन स्टेशन ने लैंडर को रेडियो फ्रीक्वेंसी भेजी है। टिल्ले उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने 2005 में गुम हुए नासा के एक जासूसी उपग्रह का पता लगाया था। लैंडर को सिग्नल भेजने पर चांद रेडियो रिफ्लेक्टर के तौर पर कार्य करता है और उस सिग्नल के एक छोटे से हिस्से को वापस धरती पर भेजता है जिसे कि 8,00,000 किलोमीटर की यात्रा के बाद डिटेक्ट किया जा सकता है।
हाल ही में नासा ने भारतीय वैज्ञानिकों की तारीफ में कहा था कि अंतरिक्ष काफी मुश्किल है, जिस तरह से मिशन चंद्रयान चांद के साउथ पोल पर गया, वह शानदार है। बता दें कि चंद्रयान 2 के लैंडर से शनिवार को संपर्क टूट गया था। इस मिशन को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों के पास सिर्फ 9 दिनों का समय और बचा है। 21 सितंबर तक ही वे लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश कर सकते हैं।