कुछ लोगों को भारत का 142 से 100वीं रैंक पर पहुंचना अच्छा नहीं लग रहा: मोदी

punjabkesari.in Saturday, Nov 04, 2017 - 04:36 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को प्रवासी भारतीय केंद्र में 'India's Business Reforms' कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "और क्या काम है मेरे पास बस एक ही काम है-ये देश, मेरे देश के सवा सौ करोड़ लोग और उनके जीवन में बदलाव लाना।" पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज वहां पहुंच चुका है जहां से आगे बढ़ना और आसान है। उन्होंने कहा, ''और क्या काम है मेरे पास, बस एक ही काम है-ये देश... मेरे देश के सवा सौ करोड़ लोग और उनके जीवन में बदलाव लाना।''

फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट में हम सबसे आगे
उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक की इस रैंकिंग पर सवाल उठाने की जगह हम न्यू इंडिया बनाने के लिए आगे बढ़ें। कुछ लोगों को भारत का 142 से 100वीं रैंक पर पहुंचना अच्छा नहीं लग रहा है। हम एक युवा देश हैं और रोजगार देना एक अवसर है साथ ही साथ यह एक चुनौती भी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट में हम सबसे आगे हैं। हमने बिजनेसमैन लोगों के दुख दर्द और चिंताओं को समझा है।  उन्हें दूर करने की कोशिश की है। टेक्नॉलजी की मदद से बिजनेस करना आसान करने की कोशि‍श की है।

मनमोहन सिंह को लिया आढ़े हाथ
मोदी ने कहा कि विश्व बैंक ने कारोबारी सुगमता की रैंकिंग की प्रक्रिया वर्ष 2004 में शुरू की थी जिसके बाद 2014 तक किसकी सरकार रही है, यह सबको पता है। उन्होंने विश्व बैंक में शीर्ष पद पर काम कर चुके पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लिए बिना कहा, ‘‘मैं ऐसा प्रधानमंत्री हूं जिसने विश्व बैंक की इमारत भी नहीं देखी है जबकि पहले विश्व बैंक को चलाने वाले लोग यहाँ बैठा करते थे। मैं तो कहता हूं कि आप विश्व बैंक की इस रैकिंग पर सवाल उठाने के बजाय हमारा सहयोग करिए ताकि हम देश को और ऊंचे पायदान पर ले जा सकें। न्यू इंडिया बनाने के लिए साथ आगे बढ़ाने का संकल्प करें।’’  

नौजवान अब सिर्फ एक दिन में अपनी नई कंपनी कर सकते हैं रजिस्ट्रड
पीएम मोदी ने कहा कि भविष्य निधि पंजीकरण एवं उसका पैसा निकालने की प्रक्रिया अब ऑनलाइन हो गई है और उसके लिए लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। उन्होंने कहा कि देश के नौजवान अब सिर्फ एक दिन में अपनी नई कंपनी पंजीकृत करा सकते हैं। कारोबारी मुकदमों की सुनवाई भी आसान हुई है। तीन वर्षों में भारत में निर्माण परमिट एवं बिजली कनेक्शन लेना आसान हुआ है। रेलवे आरक्षण कराना आसान हुआ है। जो पासपोर्ट पहले महीनों में मिलता था, अब एक  हफ्ते के भीतर मिल जाता है। उन्होंने पूछा, ‘‘ये जीवन जीने की सुगमता नहीं है तो क्या है?’’ 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News