PM मोदी का गुरुओं को गुरुमंत्र, लक्ष्य बदलने की जरूरत

punjabkesari.in Friday, Feb 12, 2016 - 05:52 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की अहमियत पर जोर देते हुए आज कहा कि सकारात्मक माहौल को फैलाने के लिए तकनीक से बेहतर कोई माध्यम नहीं है और इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होना चाहिए।  मोदी ने यहां विज्ञान भवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सहयोगी संस्था विद्या भारती के प्राचार्यों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश का हर नागरिक अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता है। हर कोई चाहता है कि उसके बच्चों को ऐसे शिक्षक मिले जो उनकी जिंदगी में बदलाव लाए। शिक्षा गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए और शिक्षा तथा संस्कार साथ-साथ चलने चाहिए। 

 प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ आज प्राचार्यों को अपने लक्ष्य बदलने की जरूरत है। विद्या भारती की स्कूलों में देशभक्ति पर सबसे ज्यादा जोर रहता है लेकिन क्या ओलंपिक में पदक जीतना देशभक्ति नहीं है। हमें ऐसे छात्र तैयार करने हैं जो जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान करें। वेद से हमें तत्व ज्ञान मिला है कि चारों ओर से ज्ञान आने दो। हमें यह सोचना है कि दुनिया के सुदूर कोने में मौजूद व्यक्ति के जीवन में हम क्या परिवर्तन ला सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि छात्र जलवायु परिवर्तन और बिजली की बचत का संदेश जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। अगर 100 बड़े शहर सड़कों और घरों में एलईडी बल्बों का इस्तेमाल शुरू कर दे तो 20 हजार मेगावाट बिजली की बचत होगी और इससे गरीबों के घर बिजली पहुंचेगी। 

मोदी ने कहा कि स्कूलों में सकारात्मक माहौल को फैलाने के लिये तकनीक से बेहतर कोई माध्यम नहीं है और इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होना चाहिए।  उन्होंने कहा कि विद्या भारती के स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को समाज के प्रति संवेदनशील बनने के संस्कार दिए जाते हैं। संस्कार प्रयत्न से विकसित की गयी अच्छी आदतें हैं। साथ ही स्कूलों में सामूहिकता को बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने प्राचार्यों का आह्वान किया कि वे हर राज्य में विद्या भारती के कम से कम एक स्कूल को सबसे बेहतर बनाने का प्रयास करें। 


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