यदि तत्कालीन सरकार चाहती तो ननकाना साहिब भारत में होता: योगी
punjabkesari.in Friday, Nov 15, 2024 - 09:08 PM (IST)
बलाचौर (ब्रह्मपुरी) जो अब श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव के अवसर पर जिन कठिनाइयों का सामना सिख संगत को ही नहीं बल्कि समस्त भारतीयों को करना पड़ रहा है, यदि ननकाना साहिब भारत में होता तो यह स्थिति नहीं आती, यदि विभाजन काल की सरकार चाहती। यह शब्द उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने आज श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा पटेल नगर लखनऊ में गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश पर्व के अवसर पर आयोजित समागम को संबोधित करते हुए कहे।
श्री गुरु नानक देव जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए श्री योगी ने कहा कि गुरु जी ने जहां समाज को एकजुट कर ईश्वर का नाम जपने और उनकी आराधना करने के लिए प्रेरित किया, वहीं बाबर के जुल्म का भी डटकर विरोध किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गुरु नानक देव जी की प्रेरणा का ही प्रभाव है कि यह परंपरा भक्ति से आगे बढक़र शक्ति के तेज पुंज के रुप में श्री गुरु तेग बहादुर जी, गुरु गोविंद सिंह जी महाराज और उनके परिवार के साहिबजादों के रूप में बलिदान तथा त्याग की उस महान गाथा से हम प्रत्येक भारतवासी पूरी समर्पित भावना से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि गुरुओं की प्रेरणा पर चलने वाले कभी गुलाम नहीं बन सकते।
योगी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 26 दिसंबर को साहिबजादों को समर्पित राष्ट्रीय स्तर पर वीरबाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय इस बात का संकेत है कि राष्ट्र इस महान सिख परंपरा के योगदान से प्रेरणा लेते रहने के संकल्प को कभी नहीं भूल सकता। योगी ने गुरुपर्व के अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई दी और शुभकामनाएं देते हुए सभी देशवासियों को धर्म और देश के लिए कार्य करते रहने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर गुरु घर के सेवादार परमिंदर सिंह छाबड़ा, सदस्य अल्पसंख्यक आयोग उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री श्री योगी का गुरुपर्व समारोह में विशेष रूप से शामिल होने के लिए आभार व्यक्त किया तथा इस अवसर पर विशेष मांग करते हुए कहा कि 6 दिसंबर को श्री गुरु तेग बहादुर जी का 349वां शहीदी दिवस आ रहा है, जिसका इतिहास यह है कि दिल्ली में शहीद करने से पहले उत्तर प्रदेश के आगरा शहर से गुरु जी की गिरफ्तारी हुई थी। गुरु जी ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया था, इसलिए सिख समुदाय सरकार से मांग करता है कि आगरा शहर का नाम गुरु तेग बहादुर नगर रखा जाए। साथ ही 6 दिसंबर से पहले विधानसभा का विशेष सदन बुलाकर सनातन धर्म के लिए दिए गए बलिदान पर विशेष प्रस्ताव पारित किया जाए तथा गुरु जी को श्रद्धांजलि दी जाए।
उक्त विषय पर पंजाब केसरी से बातचीत करते हुए छाबड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी उक्त मांग पर सहमति जताई है तथा अब इस पर अवश्य अमल किया जाएगा, जिससे सिख संगत के साथ-साथ हिंदू संगत में भी खुशी की लहर दौड़ेगी। आज के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी को गुरुद्वारा कमेटी द्वारा धार्मिक सम्मान चिन्ह देकर से भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर योगी सरकार ने पिछले वर्ष गुरुपर्व के अवसर पर खालसा चौक का उद्घाटन किया था और आज उन्होंने उस चौक पर उपस्थित होकर सिजदा किया।
इस अवसर पर समस्त संगत में गुरुद्वारा पटेल नगर कमेटी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह दुआ, परविंदर सिंह छाबड़ा, ज्ञानी भगत सिंह हेड ग्रंथी, परमजीत सिंह, सुरिंदर सिंह, चरणजीत सिंह सेवादार आदि के अलावा भाजपा के सोशल मीडिया विंग के प्रमुख राजिंदर सिंह बग्गा मौजूद रहे। इस अवसर पर गुरु का लंगर अनवरत बरताया गया।