Wikipedia को भारत सरकार ने भेजा नोटिस, पक्षपाती और गलत जानकारियां साझा करने का आरोप
punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2024 - 12:54 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने विकिपीडिया को एक पत्र भेजा है, जिसमें प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित जानकारी के बारे में कुछ गंभीर सवाल उठाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने विकिपीडिया पर आरोप लगाया है कि वह जानकारी में पक्षपाती है और गलत सूचना देता है। इसके अलावा, सरकार ने विकिपीडिया से यह भी पूछा है कि उसे एक "मध्यस्थ" (intermediary) के रूप में क्यों माना जाता है, जबकि उसे "पब्लिशर" (publisher) के रूप में क्यों नहीं माना जाना चाहिए।
आरोप और सवाल
भारत सरकार का कहना है कि विकिपीडिया पर कंटेंट की सटीकता और निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि वहां कुछ संपादकों का एक छोटा समूह कंटेंट पर अत्यधिक नियंत्रण रखता है, जिससे वह न्यूट्रल नहीं रहता। विकिपीडिया पर प्रकाशित जानकारी को लेकर ये सवाल इसलिए उठे हैं क्योंकि कभी-कभी उसमें गलतियां भी पाई जाती हैं, जो पाठकों के लिए भ्रम पैदा कर सकती हैं।
क्या है विकिपीडिया?
विकिपीडिया एक ऑनलाइन मुफ्त एन्साइक्लोपीडिया है, जहां दुनियाभर के लोग जानकारी साझा करते हैं। 2001 में अंग्रेजी भाषा में इसकी शुरुआत हुई थी और 2003 में हिंदी विकिपीडिया की शुरुआत हुई थी। विकिपीडिया की स्थापना जिमी वेल्स और लैरी सैंगर ने की थी। इसमें किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंदीदा जानकारी को जोड़ने या संपादित करने का मौका मिलता है, लेकिन कभी-कभी इसे गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, जिससे गलत जानकारी भी फैल सकती है।
पॉलिसी में सुधार नहीं किया, तो प्रतिबंधित किया जा सकता है
यह मामला तब सामने आया है जब दो महीने पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने विकिपीडिया की आलोचना की थी और कहा था कि अगर विकिपीडिया ने अपनी पॉलिसी में सुधार नहीं किया, तो उसे भारत में प्रतिबंधित किया जा सकता है। यह मामला उस समय हुआ था जब समाचार एजेंसी एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) ने विकिपीडिया के खिलाफ केस दायर किया था, जिसमें ANI ने दावा किया था कि विकिपीडिया पर उसकी जानकारी को गलत तरीके से पेश किया गया था और यह उसके लिए मानहानि का कारण बना था।
विकिपीडिया ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
फिलहाल, विकिपीडिया और भारत सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह जानकारी अभी तक सूत्रों से प्राप्त हुई है। सरकार ने विकिपीडिया को यह पत्र भेजकर उसे जवाब देने के लिए कहा है, लेकिन दोनों पक्षों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।