बड़ा खुलासा: पाकिस्तान से आई 2 महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट में... गृह मंत्रालय की जांच से हड़कंप

punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 08:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भागलपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गृह मंत्रालय की जांच में पता चला है कि पाकिस्तान से आई दो महिलाओं के नाम मतदाता सूची में दर्ज कर दिए गए थे और उन्हें वोटर आईडी कार्ड भी जारी कर दिए गए। इस खुलासे के बाद प्रशासन से लेकर राजनीतिक गलियारों तक हड़कंप मच गया है।

वीजा खत्म होने के बाद भी भारत में रह रही थीं

गृह मंत्रालय ने हाल ही में उन विदेशी नागरिकों की जांच शुरू की थी जो वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रह रहे हैं। इसी जांच के दौरान भागलपुर जिले में तीन पाकिस्तानी नागरिकों की मौजूदगी की पुष्टि हुई। इनमें दो महिलाएं- इमराना खानम उर्फ इमराना खातून और फिरदौसिया खानम- शामिल हैं।

जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि ये दोनों महिलाएं भागलपुर के इशाकचक थाना क्षेत्र के भीखनपुर गुमटी नंबर-3, टैंक लेन में रह रही थीं। हालांकि, इनकी भारतीय नागरिकता कभी कानूनी रूप से दर्ज नहीं की गई थी। बावजूद इसके इनके नाम मतदाता सूची में शामिल हो गए और वोटर कार्ड भी जारी हो गया।

डीएम ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी

मामला सामने आने के बाद स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट को गंभीर मानते हुए गृह मंत्रालय ने भागलपुर जिला प्रशासन को जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए।
भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने पुष्टि की है कि दोनों महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

परिवार ने किया पाकिस्तानी होने के दावे को खारिज

वहीं दूसरी ओर, फिरदौसिया खानम के बेटे मोहम्मद गुलौज ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि उनकी मां का जन्म 1945 में भागलपुर में हुआ था और वे यहीं की मूल निवासी हैं। उन्होंने सभी दस्तावेज प्रशासन को सौंपने का दावा भी किया। उनका कहना है कि बिना सच्चाई की जांच किए उनकी मां को पाकिस्तानी नागरिक बताया गया है।

पड़ोसी भी हैरान

स्थानीय निवासी और पड़ोसी मोहम्मद इगेज़ खान ने बताया कि दोनों महिलाएं लंबे समय से यहीं रह रही हैं और समाज का हिस्सा बनी हुई थीं। उन्होंने कहा कि कभी ऐसा नहीं लगा कि वे विदेशी नागरिक हैं।

उठे कई गंभीर सवाल

इस घटना ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं:

  1. जब नागरिकता कभी बदली ही नहीं, तो वोटर लिस्ट में नाम कैसे जुड़ गया?
  2. वोटर आईडी कैसे जारी हो गया?
  3. क्या इसमें किसी स्थानीय स्तर पर मिलीभगत थी या ये सिर्फ लापरवाही है?
  4. क्या अन्य जिलों में भी ऐसी गड़बड़ियां हो सकती हैं?

गृह मंत्रालय ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने इस मामले को बेहद संवेदनशील मानते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। भागलपुर प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है और जल्द ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।


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News Editor

Parveen Kumar

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