NASA के इनसाइट के साथ मंगल पर पहुंचे 1 लाख से भी ज्यादा भारतीयों के नाम
punjabkesari.in Wednesday, Nov 28, 2018 - 01:53 PM (IST)
नेशनल डेस्क: अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा का इनसाइट लैंडर सोमवार को मंगल ग्रह पर सुरक्षित उतर गया। इस अंतरिक्ष यान के मंगल ग्रह पर उतरने के साथ ही नासा के दो साल तक चलने वाले उस मिशन की शुरुआत हो गई, जिसमें मंगल ग्रह से जुड़े अंतरिक्ष के रहस्यों के बारे में पता लगाया जाएगा। नासा का इनसाइट लैंडर इस वर्ष पांच मई को प्रक्षेपित किया गया था। वहीं भारतीयों के लिए इनसाइट अंतरिक्षयान का मंगल पर उतरना अच्छी खबर है।
दरअसल नासा ने मंगल पर जाने वाले इनसाइट पर नाम लिखवाने के लिए एक अभियान शुरू किया था जिसमें एक लाख से ज्यादा भारतीयों ने अपने नाम दर्ज करवाए थे। नासा ने इन भारतीयों को ऑनलाइन बोर्डिंग पास भी उपलब्ध कराया था। भारतीयों के नामों को इनसाइट में एक सिलिकॉन रे वेफर माइक्रोचिप पर उकेरा गया था। इलेक्ट्रॉन बीम से लाइनों के जरिए अक्षर उकेरे गए। यह छोटी-सी चिप लैंडर के ऊपरी हिस्से से जुड़ी हुई थी। ऐसे में इनसाइट लैंडर के साथ ही भारतीयों के नाम भी मंगल पर पहुंच गए।
नाम भेजने में तीसरे नंबर पर भारत
नासा के रिकॉर्ड के मुताबिक, दुनिया भर से करीब 2,42,9807 लोगों ने अपने नाम भेजे थे जिनमें भारत वैश्विक सूची में तीसरे स्थान पर रहा। यूएस से 6,76,773 नाम और चीन से 2,62,752 नाम भेजे गए थे। बता दें कि इनसाइट के पोस्ट लैडिंग ऑपरेशन में एक भारतीय रवि प्रकाश की भी अहम भूमिका रही है। रवि नासा की जेट प्रपल्सन लैबोरेटरी में सिस्टम इंजीनियर हैं।
इनसाइट इन बातों की करेगा जांच
- मंगल की सतह कितनी मोटी है।
- मंगल के सेंटर पर स्थित तरल घेरा कितना बड़ा है।
- जब भूंकप आता है तो मंगल पर कितना असर पड़ता है और कितनी तीव्रता पर कांपता है।
- मंगल के केंद्र में रेडियोऐक्टिव पदार्थों के क्षय की वजह से कितनी ऊष्मा निकलती है?
बता दें कि वर्ष 2012 में क्यूरोसिटी रोवर के बाद लाल ग्रह के रहस्यों की खोज के लिए पूर्ण रूप से समर्पित नासा का यह पहला मिशन है। इनसाइट लैंडर छह महीने में करीब 48 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मंगल ग्रह पर पहुंचा। इनसाइट लैंडर भारतीय समयानुसार सोमवार देर रात करीब 1 बजकर 17 मिनट पर मंगल ग्रह पर उतरा। इनसाइट लैंडर सात मिनट के महत्वपूर्ण समय के बाद मंगल पर उतरा। इनसाइट लैंडर लाल ग्रह के बारे में ऐसी जानकारियां दे सकता है, जो अरबों सालों पुरानी हैं। यह यान अपने इस अभियान के दौरान मंगल पर एक सेस्मोमीटर से लाल ग्रह के भीतर की हलचलों को रिकॉर्ड करेगा।