न्यूज़ीलैंड में नगर कीर्तन का विरोध: डांस किया व बैनर पर लिखा- ‘This is New Zealand, not India’! सिख संगठनों ने भारत से मांगी मदद (Video)
punjabkesari.in Sunday, Dec 21, 2025 - 05:19 PM (IST)
International Desk: न्यूज़ीलैंड के साउथ ऑकलैंड में हाल ही में आयोजित ‘नगर कीर्तन’ के दौरान तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। इस दौरान खुद को “ट्रू पैट्रियट्स ऑफ न्यूज़ीलैंड” कहने वाले एक समूह ने ‘नगर कीर्तन’ के मार्ग में खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया और “This is New Zealand, not India” लिखा हुआ बैनर प्रदर्शित किया। नगर कीर्तन सिख धर्म की एक पवित्र और पारंपरिक धार्मिक परंपरा है, जिसका राजनीति से कोई संबंध नहीं होता। यह आयोजन गुरु ग्रंथ साहिब की अगुवाई में शांति, सेवा, समानता और भाईचारे का संदेश देता है। दुनिया के कई देशों में सिख समुदाय इस परंपरा को स्थानीय कानूनों और प्रशासनिक अनुमति के साथ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करता है।
Strongly condemn the disruption of the peaceful ‘Nagar Kirtan’ procession in South Auckland, New Zealand, yesterday by local protesters.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) December 21, 2025
Nagar Kirtan is a sacred Sikh tradition—a joyous religious parade involving the singing of hymns from Sri Guru Granth Sahib Ji, promoting… pic.twitter.com/DnCwX0XO5b
इस घटना के दौरान किसी प्रकार की शारीरिक हिंसा की सूचना नहीं मिली, लेकिन विरोध करने वाले समूह की मौजूदगी और उनका व्यवहार जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं के लिए मानसिक रूप से पीड़ादायक रहा। कई सिख परिवारों और बुजुर्गों ने इसे धार्मिक गरिमा और सुरक्षा की भावना पर आघात बताया। घटना के बाद न्यूज़ीलैंड के फ्रीडम्स एंड राइट्स कोएलिशन के नेता ब्रायन तमाकी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कई पोस्ट साझा किए। उन्होंने दावा किया कि नगर कीर्तन के दौरान कथित रूप से “खालिस्तान के झंडे” लहराए गए और सवाल उठाया कि “आतंकी संगठन के झंडे ऑकलैंड की सड़कों पर क्यों दिखे?” उन्होंने सिख धर्म और खालिस्तान जैसे राजनीतिक मुद्दों को एक ही रूप में प्रस्तुत करते हुए तीखी टिप्पणियां कीं।
सिख समुदाय ने इस घटना को लेकर विरोध जताया है और भारत सरकार खासकर विदेश मंत्रालय से दखल की मांग की है । स्थानीय सिखों और जानकारों का कहना है कि इस तरह के बयान धार्मिक पहचान और राजनीतिक विचारधाराओं को जानबूझकर मिलाने की कोशिश हैं, जिससे भ्रम, नफरत और सामाजिक तनाव बढ़ सकता है। सिख संगठनों ने स्पष्ट किया है कि नगर कीर्तन एक शुद्ध धार्मिक आयोजन है और इसका किसी भी अलगाववादी राजनीति से कोई संबंध नहीं है। न्यूज़ीलैंड में सिख समुदाय दशकों से रह रहा है और व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और सामाजिक सेवा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है।
Anti India Protest in NewZeland
— Woke Eminent (@WokePandemic) December 21, 2025
A peaceful Nagar Kirtan organised by the Sikh community in South Auckland was disrupted in Manurewa.
Despite the provocation, the Sikhs remained calm and non-violent. Police intervened to ensure public safety and escorted the procession so… pic.twitter.com/DWC70zsZSG
समुदाय हमेशा से न्यूज़ीलैंड के कानूनों, लोकतांत्रिक मूल्यों और बहुसांस्कृतिक समाज का सम्मान करता आया है। इस पृष्ठभूमि में भारत सरकार, विशेषकर विदेश मंत्रालय से अपील की जा रही है कि वह इस मामले को कूटनीतिक माध्यमों से न्यूज़ीलैंड सरकार के समक्ष उठाए। मांग की जा रही है कि भारतीय मूल के लोगों, खासकर सिख समुदाय, की धार्मिक स्वतंत्रता, सुरक्षा और सम्मान को लेकर स्पष्ट आश्वासन प्राप्त किए जाएं। विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते संवाद और संतुलित हस्तक्षेप से न केवल भारतीय डायस्पोरा का भरोसा मजबूत होगा, बल्कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सामाजिक सौहार्द भी कायम रहेगा।
