कोरोना कहर के बीच आंध्र प्रदेश में फैली रहस्यमयी बीमारी, मरीजों के खून में मिला खतरनाक केमिकल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 09, 2020 - 02:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना कहर के बीच आंध्र प्रदेश के एलूरु शहर में रहस्यमयी बीमारी फैली हुई जिससे लोग काफी डर गए हैं। दरअसल इस बीमारी के लक्षण बेहोशी और मिर्गी के दौरे आने जैसे हैं। इस रहस्यमयी बीमारी ने अब तक 500 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। हालांकि राहत की बात है कि लोग इस बीमारी से जल्दी ठीक होकर अपने घरों को लौट रहे हैं।

 

मरीजों के ब्लड में सीसा और निकल जैसे केमिकल 
आंध्र प्रदेश के एलुरु शहर में बीमार पड़े लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए जिसमें सीसा और निकल जैसे केमिकल मिले हैं। AIIMS की टीम ने पाया कि पेयजल (Drinking Water) और दूध (milk) में निकेल और सीसा (Nickel and lead) जैसे भारी तत्वों की मौजूदगी प्राथमिक रूप से रहस्यमय बीमारी का कारण है। इसके चलते अब तक 500 से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और राज्य तथा अन्य केंद्रीय संस्थानों की विशेषज्ञ टीमों द्वारा खोजे गए कारणों के आधार पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी को रिपोर्ट सौंपी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बुलेटिन में AIIMS के विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर कहा गया कि रहस्यमय बीमारी का कारण निकेल और सीसा को पाया गया है।

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इस बीमारी के चलते शनिवार रात से लोगों को मिर्गी के दौरे पड़ने, बेहोश होने, घबराहट, उल्टी और पीठ दर्द जैसी समस्याएं होने लगीं। बुलेटिन में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मरीजों के शरीर में भारी धातु तत्वों की मौजूदगी को लेकर गहन जांच करें और उपचार प्रक्रिया पर लगातार नजर रखें। अधिकारियों के अनुसार बीमारी की चपेट में अब तक 505 लोग आए हैं, जिनमें से 370 से अधिक लोग ठीक हो गए हैं और 120 अन्य का इलाज चल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तैनात किए गए विशेषज्ञों के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गठित की गई तीन सदस्यीय टीम मंगलवार को एलुरु पहुंची और नमूने लेने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उपमुख्यमंत्री (स्वास्थ्य) ए के के श्रीनिवास ने कहा कि बीमार हुए लोग ठीक हो रहे हैं और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि रहस्यमय बीमारी के कारणों का पूरा ब्योरा केंद्रीय एजेंसियों के रिपोर्ट सौंपने के बाद सामने आएगा। प्राथमिक तौर पर सीसा को इसका कारण पाया गया है। 

 

NIN कर रही खाद्य तेल और चावल के सैंपल इकट्ठा
राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) की टीम अब पानी, खाद्य तेल और चावल के सैंपल इकट्ठा कर रही है तकि पता लगाया जाए कि इनमें से किसमें इन केमिकल की मात्रा ज्यादा है। इस रहस्यमयी बीमारी से सिर्फ एलूरु शहर ही प्रभावित है। इसें जो हैरान करने वाली बात है वो यह कि परिवार का एक सदस्य ही इस बीमारी की चपेट में आ रहा है। वहीं एलूरु के ग्रामीण और आसपास के इलाके इस बीमारी से प्रभावित नहीं हैं।


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Seema Sharma

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