महिला आइपीएस अफसरों के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट, FIR दर्ज

punjabkesari.in Friday, Jun 05, 2020 - 05:09 PM (IST)

नई दिल्ली: मसूरी स्थित सिविल सेवा अधिकारियों के प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थान में नियुक्त कुछ महिला पुलिस अधिकारियों को ट्विटर पर कुछ लोगों ने गालियां दीं और अश्लील सामग्री साझा की जिसके बाद संस्थान ने स्थानीय पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करायी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के प्रशासन की ओर से प्राप्त शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच की जा रही है। अकादमी ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, च्च्आज कुछ ट्विटर हैंडल से महिला आईपीएस अधिकारियों को गालियां दी गई, आपत्तिजनक और अश्लील सामग्री साझा की गई। अकादमी इस दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक ट्वीट की कड़ी निंदा करती है। इस संबंध में उत्तराखंड पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। 

इस घटना की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों की एसोसिएशनों ने जल्द जांच करने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय की जद में लाने की मांग की है। उसके अलावा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के सभी कैडर के अधिकारियों ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया है, सीएपीएफ के सभी अधिकारी महिला आईपीएस अधिकारी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट और टिप्पणियों की निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि ऐसे घटिया लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे लोगों को शर्म आनी चाहिए। आईपीएस एसोसिएशन (सेंट्रल) ने ट्वीट किया है, च्च्हम महिला आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ ट्विटर पर आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। हमें विश्वास है कि संबंधित पुलिस एजेंसी विस्तृत जांच करने के बाद दोषी को सजा दिलाएगी। हम महिला अधिकारियों के सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। आईएएस (सेंट्रल) एसोसिएशन ने ट्विटर से कहा है कि वह ऐसे पोस्ट और हैंडल को डिलिट करे। उसने कहा है, हम आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं और ऐसी घटिया सोच रखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। हमने ऐसे हैंडल की शिकायत की है और ट्विटर से उन पोस्ट और हैंडल को डिलिट करने का अनुरोध किया है।


आईएफएस एसोसिएशन ने भी सोशल मीडिया पर महिला अधिकारियों के खिलाफ की गई इन आपत्तिजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है। उसका कहना है, ऐसे कायरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भी इस मामले में अपनी कनिष्ठ महिला सहयोगियों के साथ खड़े हैं। एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केन्द्र शासित प्रदेश) कैडर के 2007 की आईपीएस अधिकारी असलम खान ने ट्वीट किया है, प्रत्येक मनुष्य सम्मान का अधिकारी है। विशेष रूप से महिलाएं,क्योंकि उन्हें अभी भी दोएम दर्जे का माना जाता है। हम महिला अधिकारी इसलिए निशाने पर रहती हैं क्योंकि हम मुद्दों पर डटकर खड़ी होती हैं और उनसे यह बर्दाश्त नहीं होता। समर्थन के लिए धन्यवाद। मुस्कुराते चेहरों के साथ मुस्कुराती आंखें, अब हम और मजबूती से खड़ी होंगी। खान ने ईशारों-ईशारों मे कहा कि कुछ आईपीएस अधिकारियों और अद्र्धसैनिक बलों के अधिकारियों के बीच कथित रंजिश इस घटना की वजह हो सकती है। सीएपीएस अधिकारियों को पिछले साल ग्रुप ए सेवा का दर्जा दिया गया ताकि उन्हें भारतीय पुलिस सेवा में अपने समकक्षों के अनुरुप ही वेतन और पदोन्नति प्राप्त हो सके। 


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Edited By

Anil dev

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