बकरे की जगह 'चिकन' खाकर बकरीद मना रहे मुस्लमान, कीमत जान रह जाएंगे हैरान

punjabkesari.in Monday, Jun 09, 2025 - 08:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गाजा पट्टी में इस बार बकरीद की खुशियां युद्ध और आर्थिक संकट के बीच फीकी पड़ गई हैं। यहां के लोग इस बार बकरा नहीं काट पा रहे, क्योंकि हालात इतने खराब हैं कि बकरी या दुम्बा खरीदना नामुमकिन हो गया है। मजबूरी में लोगों को बहुत महंगे चिकन से बकरीद मनानी पड़ रही है। गाजा के बाजारों में इस समय चिकन की कीमत 250 शेकेल प्रति किलो यानी करीब 6,111 रुपए किलो तक पहुंच गई है। यह कीमत आम लोगों की पहुंच से बहुत बाहर है। खासकर चिकन ब्रेस्ट (छाती वाला हिस्सा) पहली बार सेंट्रल बाजार में आया, जो पहले आसानी से मिल जाता था, लेकिन अब इतना महंगा है कि सिर्फ अमीर लोग ही इसे खरीद पा रहे हैं।

इजराइल पर गंभीर आरोप

कुछ अरब संगठनों ने आरोप लगाया है कि इजराइल मानवीय सहायता रोक रहा है और उन चीजों को गाजा के व्यापारियों को दे रहा है, जो फिर उन्हें बहुत ज्यादा कीमतों पर बेच रहे हैं। संगठनों ने कुछ तस्वीरें भी दिखाईं, जिनमें चिकन पर इजराइल की यहूदी धार्मिक मुहर (कोषेर) लगी दिख रही है। दावा किया गया है कि इन्हीं चिकनों को गाजा में भूख से जूझ रहे लोगों को 110 अमेरिकी डॉलर (करीब 9,000 रुपए) में बेचा जा रहा है।

भारी प्रोटीन की कमी

गाजा में अब मांस, दूध और अंडों जैसे प्रोटीन वाले खाने की भारी कमी है। युद्ध के कारण खाद्य आपूर्ति भी ठप हो गई है। ऐसे में लोगों को त्योहारों पर भी वो खाने को नहीं मिल रहा जो वे पहले खाते थे। बकरीद पर जहां लोग पहले बकरा काटते थे, अब चिकन खरीदना भी बहुत बड़ी चुनौती बन गया है।

कुछ मदद भी मिल रही है

गाजा ह्यूमैनिटेरियन फंड (GHF) जैसे संगठन मदद कर रहे हैं। उन्होंने अब तक 11.5 लाख फूड पैकेट बांटे हैं। इसके अलावा करीब 10,500 फूड बॉक्स भी उत्तर गाजा के लोगों तक पहुंचाए गए हैं, जिनमें लगभग 6 लाख लोगों के खाने का सामान था। हालांकि यह मदद जरूरत के हिसाब से बहुत कम है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Parveen Kumar

Related News