इंसानियत जिंदा है! मुस्लिम युवकों ने हिंदू महिला का किया अंतिम संस्कार, अस्पताल में भी रखा ध्यान

punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 11:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में सांप्रदायिक सद्भाव की एक बेहतरीन मिसाल देखने को मिली है। यहां एक 67 वर्षीय हिंदू बुजुर्ग महिला की मौत के बाद जब उनके अंतिम संस्कार के लिए कोई नहीं था, तो मुस्लिम समुदाय के युवाओं ने आगे आकर उनका अंतिम संस्कार पूरे हिंदू रीति-रिवाज के साथ किया।

मुस्लिम युवाओं ने दिया कंधा

यह घटना भीलवाड़ा के गांधी नगर इलाके की है, जहां पिछले 15 सालों से शांति देवी (67) नाम की एक बुजुर्ग महिला अकेले रह रही थीं। वह काफी समय से बीमार थीं और उनका इलाज महात्मा गांधी अस्पताल में चल रहा था। इस दौरान असगर अली नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति उनकी देखभाल कर रहे थे।

14 सितंबर, 2025 को शांति देवी का निधन हो गया। उनके निधन के बाद सबसे बड़ी समस्या थी कि उनके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी कौन लेगा। ऐसे में, गांधी नगर के जंगी चौक के मुस्लिम युवा, जो शांति देवी को अपनी माँ की तरह मानते थे, आगे आए। अशफाक कुरैशी, शाकिस पठान, फिरोज कुरैशी, जाबिद कुरैशी और अन्य स्थानीय लोगों ने मिलकर अंतिम संस्कार की सारी तैयारियां कीं।

उन्होंने न केवल शांति देवी की अर्थी को कंधा दिया, बल्कि उन्हें श्मशान घाट तक भी पहुंचाया। सबसे ख़ास बात यह थी कि असगर अली ने सभी हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करते हुए उन्हें मुखाग्नि दी, जिससे यह संदेश गया कि इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।

इंसानियत की मिसाल

यह घटना भीलवाड़ा में हिंदू-मुस्लिम एकता की एक अद्भुत कहानी बन गई है। जब कोई भी उनका अंतिम संस्कार करने वाला नहीं था, तब मुस्लिम युवाओं ने मानवता का परिचय दिया और एक बेसहारा महिला का सम्मानजनक अंतिम संस्कार किया।


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News Editor

Parveen Kumar

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