Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ से बड़ी खबर, संत शिविर के बाहर पकड़ा गया मुस्लिम युवक

punjabkesari.in Tuesday, Jan 14, 2025 - 08:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क : प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला एक बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जाता है। सोमवार रात, महाकुंभ मेला क्षेत्र के संगम लोअर मार्ग पर स्थित दूधेश्वर नाथ महादेव शिविर के बाहर एक संदिग्ध युवक को पकड़ा गया, जिससे सुरक्षा की चिंता और बढ़ गई। यह युवक एटा जिले का निवासी था और उसका नाम अयूब था। हालांकि, शुरू में उसने अपना नाम आयुष बताया, लेकिन कड़ी पूछताछ के बाद उसने अपने असली नाम का खुलासा किया। इस युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और एसओटी (स्पेशल ऑपरेशन टीम) तथा एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने उससे पूछताछ की।

शिविर में महंत यति नरसिंहानंद ठहरे हुए थे

यह घटना उस समय हुई जब दूधेश्वर नाथ महादेव शिविर में डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरि ठहरे हुए थे। यति नरसिंहानंद, जिनके बयानों को लेकर वे अक्सर विवादों में रहते हैं, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर भी हैं। उनकी उपस्थिति के कारण यह शिविर खास सुरक्षा घेरे में था। यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि युवक देर रात लगभग दो बजे संदिग्ध स्थिति में शिविर के पास देखा गया। जब शिविर के सेवादारों ने उससे सवाल पूछे, तो उसने अपना नाम आयुष बताया, लेकिन पूछताछ में वह असली नाम अयूब बताने लगा। इसके बाद, शिविर के लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

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सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल और पुलिस कार्रवाई

अखाड़ा थाना प्रभारी भास्कर मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि पुलिस और सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि अयूब के पास से कुछ भी संदिग्ध सामान बरामद नहीं हुआ है, और वह सिर्फ खाने-पीने के लालच में वहां आया था। हालांकि, इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था के सवालों को भी जन्म दिया। कुंभ मेला के विशाल स्तर को देखते हुए, हर संदिग्ध गतिविधि को गंभीरता से लिया जाता है और पुलिस तत्पर रहती है।

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महंत यति नरसिंहानंद की भूमिका और विवादों का संदर्भ

महंत यति नरसिंहानंद गिरी के बारे में यह भी बताया गया है कि वह अपने बयानों के कारण अक्सर विवादों में रहे हैं। उनकी टिप्पणी और विचारों को लेकर कई बार विवाद उठ चुका है। हालांकि, उनके समर्थक उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्निर्माण के एक नायक के रूप में मानते हैं। उनके साथ ही, डासना मंदिर की सुरक्षा और प्रशासन की जिम्मेदारी भी गंभीर है, खासकर जब कुंभ मेला जैसे बड़े आयोजन चल रहे हों।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना

इस घटना के बाद, पुलिस और सुरक्षा बलों की तत्परता और त्वरित कार्रवाई की सराहना की गई। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था के महत्वपूर्ण पहलू को उजागर करती है, खासकर ऐसे बड़े आयोजनों के दौरान। पुलिस ने जिस तरह से जल्दी से युवक को पकड़कर उसके इरादों का पता लगाया, वह दिखाता है कि यहां सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही नहीं की जा रही है। कुंभ मेला के क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था का यह मामला देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि प्रशासन और पुलिस किसी भी संदिग्ध गतिविधि को लेकर गंभीर हैं और उनकी कोशिश होती है कि इस धार्मिक आयोजन के दौरान कोई भी असमाजिक तत्व माहौल खराब न कर सके।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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