मुकवेगे एक ऐसे साहसी डॉक्टर, जिसने कांगो की महिलाओं के भरे जख्म

punjabkesari.in Saturday, Oct 06, 2018 - 01:33 AM (IST)

किंशासाः कांगों गणराज्य में यौन शोषण और दुष्कर्म की शिकार महिलाओं के जख्मों को ठीक करने और उन्हें मानसिक आघात से बाहर निकालने के सतत प्रयासों के लिए उन्हें ‘‘डॉक्टर मिरैकिल’’ के नाम से पुकारा जाता है। डेनिस मुकवेगे को इस वर्ष के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है। वह दो दशक से महिलाओं को शारीरिक और मानसिक परेशानियों से निकालने के काम में लगे हुए हैं। 2015 में उनके जीवन पर आधारित फिल्म ‘द मैन हू मेंड्स विमन’ आई थी।

बकावू में है पांजी अस्पताल
पांच बच्चों के पिता मुकवेगे युद्ध के दौरान महिलाओं के शोषण के मुखर विरोधी हैं। उन्होंने 2016 में एएफपी से कहा था, ‘‘हम रसायनिक हथियार, जैविक हथियार और परमाणु हथियारों के खिलाफ लक्ष्मण रेखा खींच पाए हैं, आज हमें दुष्कर्म को युद्ध के हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर भी रोक लगानी चाहिए।’’ मुकवेगे ने फ्रांसीसी में अपनी आत्मकथा ‘‘प्ली फोर लाइफ’’ भी लिखी है जिसमें उन्होंने अपने पैतृक दक्षिण कीव प्रांत में ऐसे हादसों का जिक्र किया है जिन्होंने बकावू में ‘पांजी’ अस्पताल खोलने के लिए उन्हें मजबूर किया।

चिकित्सक ने उस एक घटना का जिक्र किया जब उन्होंने 1999 में पहली बार किसी बलात्कार पीड़िता को देखा। वह लिखते हैं कि बलात्कारी ने महिला के गुप्तांग में बंदूक डाल कर गोली चला दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि यह किसी पागल आदमी का काम होगा, लेकिन उसी साल मैंने इसी से मिलते जुलते 45 मामलों में महिलाओं का उपचार किया।’’ बकावू अस्पताल में वह संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों की हिफाजत में रहते हैं। एक मार्च 1955 में जन्में मुकवेगे नौ भाई बहनों के बीच तीसरे नंबर पर आते हैं। उनके पिता ने उन्हें चिकित्सक बनने के लिए प्रेरित किया था।


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Yaspal

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