पोषक उत्पादों के मामले में मदर डेयरी अव्वल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 14, 2016 - 06:08 PM (IST)

नई दिल्ली : देश में खाद्य एवं पोषक पदार्थ बेच रहीं 10 प्रमुख कंपनियों के मात्र 12 प्रतिशत पेय और 16 प्रतिशत खाद्य पदार्थाें में पोषक तत्व हैं। उत्पाद के मामले में मदर डेयरी को प्रथम श्रेणी का पाया गया है। नीदरलैंड स्थित एक्सेस टू न्यूट्रीशन फाउंडेशन की जारी रिपोर्ट में उत्पाद के मामले में मदर डेयरी को अव्वल दर्जे का पाया गया है।

उत्पादों में पोषक तत्वों पर देश में किए गए इस पहले अध्ययन में पाया गया कि मदर डेयरी ,ङ्क्षहदुस्तान यूनीलीवर और अमूल उच्च पोषक गुणवत्ता वाले उत्पाद बेच रहीं हैं जबकि पेप्सिको इंडिया और मोंदेलेस इंडिया रैंक में सबसे नीचे हैं। फाउंडेशन ने मदर डेयरी,अमूल ,ब्रिटैनिया इंडस्ट्रीज ,पार्ले प्रोडक्टस ,कोका कोला इंडिया ,पेप्सिको इंडिया ,ङ्क्षहदुस्तान लीवर ,नेस्ले इंडिया ,रूचि सोया और मोंदेलेस इंडिया के उत्पादों के पोषक तत्वों का अध्ययन किया।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में एक ओर तो कुपोषण की समस्या है दूसरी ओर अमेरिका और चीन के बाद मोटापे की समस्या यहां सबसे ज्यादा है। एक अनुमान के अनुसार खान-पान जनित बीमारियों से 2012 से 2030 के दौरान छह खरब डालर का नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट में विभिन्न अध्ययनों के हवाले से बताया गया है कि देश में कामकाजी अभिभावक और उनके बच्चे महीने में 10 से 12 बार पैकेज्ड फूड खाते हैं जबकि 1998 से शीतल पेय पदार्थ की बिक्री हर वर्ष 13 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इस समय 39.71 अरब डालर के खाद्य उद्योग के 2018 तक 65.4 अरब डालर तक पहुंचने की संभावना है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन अग्रवाल ने इस मौके पर कहा कि हर खाद्य पदार्थ के लिए नियामक अनिवार्य नहीं किया जा सकता है। जिन चीजों को नियमन के दायरे में नहीं लाया जा सकता है उनमें इस तरह की रिपोर्ट अहम है। अग्रवाल ने उपभोक्ताओं में जागरूकता पैदा करने की जरूरत पर जोर दिया। फाउंडेशन की कार्यकारी निदेशक इग्ने काओर ने इस मौके पर कहा कि भारत में कुपोषण और मोटापे के दोहरे बोझ को कम करने में खाद्य एवं पेय कंपनियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। 


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