'दिल्ली में छठ पूजा के लिए 1000 से अधिक घाट तैयार', CM आतिशी बोलीं- 7 नवंबर को रहेगा सार्वजनिक अवकाश
punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2024 - 04:13 PM (IST)
नेशनल डेस्क: मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली की आप सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि पूर्वांचल के लोगों को छठ पूजा मनाने के लिए शहर छोड़कर न जाना पड़े। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि दिल्ली सरकार ने छठ पर्व के लिए 7 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि शहर के सभी प्रमुख घाटों पर पानी, शौचालय, डॉक्टर और एम्बुलेंस सहित सभी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं ताकि पूर्वांचलवासी इस अवसर का जश्न मना सकें।
1,000 से अधिक घाट तैयार- आतिशी
छठ पूजा के पहले दिन एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतिशी ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने लोगों के लिए त्योहार मनाने के लिए 1,000 से अधिक घाट तैयार किए हैं। पिछले 10 वर्षों से जब से आप दिल्ली में सत्ता में है, उसने यह सुनिश्चित किया है कि पूर्वांचल के लोगों को छठ मनाने के लिए शहर से बाहर न जाना पड़े। आतिशी ने कहा, "आप सरकार से पहले केवल 60 छठ घाट हुआ करते थे और आज लोगों के लिए त्योहार मनाने के लिए 1,000 से अधिक घाट तैयार किए जा रहे हैं।"
आप सभी को छठ महापर्व की शुभकामनाएँ। देशभर में 'नहाय खाए' के साथ आज से इस महापर्व की शुरुआत हो रही है।
— Atishi (@AtishiAAP) November 5, 2024
एक समय था जब दिल्ली से हमारे पूर्वांचली भाई-बहनों को छठ के लिए दूर अपने गाँव जाना पड़ता था। लेकिन @ArvindKejriwal जी के मार्गदर्शन में पिछले 10 सालों से दिल्ली में इस महापर्व… https://t.co/Co88zTFpLk
चार दिनों तक होती है पूजा
छठ पूजा सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है और इसे चार दिनों की कठोर दिनचर्या के साथ मनाया जाता है। पहला दिन, जिसे "नहाय-खाय" के रूप में जाना जाता है, एक शुद्धिकरण अनुष्ठान है जिसमें भक्त स्नान करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, और "चना दाल" और "कद्दू भात" जैसे प्रसाद तैयार करते हैं। हालांकि, मंगलवार को छठ पूजा के पहले दिन कई भक्तों ने यमुना नदी में स्नान किया, जबकि नदी की सतह पर जहरीले झाग की मोटी परतें जमी हुई थीं।
पूर्वांचली का महत्वपूर्ण त्यौहार
छठ पूजा दिल्ली के पूर्वांचली समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के भोजपुरी भाषी निवासी शामिल हैं। यह समुदाय दिल्ली में मतदाताओं के 30-40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है, जहाँ अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।