कर्नाटक के शिवमोगा जिले में ''मंकी फीवर'' का कहर, 5 की मौत 15 पॉजिटिव

punjabkesari.in Sunday, Jan 06, 2019 - 12:47 AM (IST)

नेशनल डेस्कः क्यासनूर फॉरेस्ट डिजीज (केएफडी) या मंकी फीवर से कर्नाटक के शिवमोगा जिले के सागर तालुक में 5 लोगों की मौत का दावा किया है। चार जनवरी तक अरलागोडु गांव से 15 मामले पॉजिटिव पाए गए थे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने अब तक आसपास के 7 गांवो के 2000 से अधिक ग्रामीणों को इस बीमारी से बचाव के लिए टीका लगाया है।

बचने के किए जा रहे उपाय
स्वास्थ्य सेवा विभाग के निदेशक डॉ. प्रभाकर ने बताया कि मंकी फीवर के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। इस बीमारी से ग्रसित ज्यादातर लोग इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं। इस बार भी हम लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। हमने 75 लोगों के ब्लड का सैंपल लिया है। जिसमें से केवल 15 पॉजिटिव पाए गए हैं।

हालांकि अरलागोडु गांव के अधिकारियों ने स्वास्थ्य अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि अगर समय पर इलाज उपलब्ध कराया गया होता तो मौतों को रोका जा सकता था। अरलागोडु के निवासी शिवराज ने कहा, ‘मौतों की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य अधिकारी इस मामले को और गंभीरता से ले सकते थे, जिससे लोगों की जान बचाई जा सकती थी।

क्या हैं मंकी फीवर के लक्षण
शिवराज ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को मंकी फीवर का टीका लगाया गया था, उनमें भी लक्षण दिखने लगे हैं। बुखार, उल्टी, दस्त और रक्तस्त्राव मंकी फीवर के लक्षण हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी इससे निपटने की अच्छी व्यवस्था नहीं है। सागर ने कहा, मणिपाल या बेंगलुरू केएमसी में ब्लड के सैंपल भेजे जा रहे हैं और परिणाम में देरी के कारण इलाज में भी देरी हो रही हैं।


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Yaspal

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