PM मोदी पहुंचे मालदीव, राष्ट्रपति मुइज्जू ने किया गर्मजोशी से स्वागत, दोनों देशों के रिश्तों में नई शुरुआत की उम्मीद

punjabkesari.in Friday, Jul 25, 2025 - 10:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में आज मालदीव पहुंचे, जहां माले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया। मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू ने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इस ऐतिहासिक यात्रा की खास बात यह है कि यह मुइज्जू सरकार में किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की पहली आधिकारिक यात्रा है और यह दौरा भारत-मालदीव संबंधों में आई हालिया तल्खी के बाद हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी मालदीव की राजधानी माले में दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे हैं। वे मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इससे पहले उनकी मालदीव यात्रा 2019 में हुई थी जब वहां राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह सत्ता में थे। यह पीएम मोदी की मालदीव की तीसरी आधिकारिक यात्रा है और हर बार उनके दौरे ने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा दी है।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने खुद किया स्वागत

माले एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने खुद किया। इसके अलावा मालदीव सरकार के रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और आंतरिक सुरक्षा मंत्री भी मौजूद रहे। स्वागत में मालदीव की संस्कृति की झलक दिखाते पारंपरिक प्रस्तुतियों से पीएम मोदी का अभिनंदन किया गया।
 

 

कूटनीतिक तनाव के बाद यह यात्रा क्यों अहम है?

पिछले कुछ महीनों में भारत और मालदीव के रिश्तों में कुछ कूटनीतिक खटास देखने को मिली थी। मुइज्जू सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत के साथ टकराव और ‘इंडिया आउट’ जैसे आंतरिक राजनीतिक मुद्दों ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया था। हालांकि अब इस दौरे से संकेत मिल रहे हैं कि दोनों देश संबंध सुधारने और भविष्य की साझेदारी मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।

पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद का बयान

मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने पीएम मोदी की यात्रा को बेहद सकारात्मक करार देते हुए कहा, "भारत हमेशा सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है। जब भी हमने मदद की गुहार लगाई, भारत ने सबसे पहले हाथ बढ़ाया। भारतीय लोगों का दिल बड़ा है और वे हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन भारत और मालदीव की जनता के बीच का रिश्ता स्थायी और मजबूत है।

भारत की भूमिका हमेशा निर्णायक रही है

मालदीव जैसे छोटे द्वीप राष्ट्र के लिए भारत का सहयोग हमेशा निर्णायक रहा है। चाहे कोविड संकट हो, जलवायु आपातकाल, या कोई अन्य आपदा — भारत ने हर बार मदद पहुंचाई है। इसी वजह से मालदीव की जनता में भारत के प्रति एक विश्वास और आत्मीयता बनी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति यानी Neighbourhood First Policy का एक अहम हिस्सा है। इस नीति के तहत भारत अपने आस-पास के देशों के साथ मजबूत सहयोग, साझेदारी और रणनीतिक रिश्ते कायम करने पर ज़ोर देता है। मालदीव इस नीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

वित्तीय सहयोग और परियोजनाएं

भारत ने मालदीव को विकास परियोजनाओं, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार सहयोग प्रदान किया है। दोनों देशों के बीच साझेदारी का सबसे बड़ा उदाहरण Greater Male Connectivity Project है, जिसके लिए भारत ने महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है। यह परियोजना मालदीव की राजधानी माले को अन्य द्वीपों से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही है और देश की अर्थव्यवस्था को गति देने का कार्य कर रही है। इसके अलावा भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भी मालदीव के साथ तकनीकी सहयोग कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिससे द्वीप राष्ट्र को पर्यावरणीय खतरों से बचाव में सहायता मिल रही है। समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच गहरा सहयोग है। भारतीय नौसेना, मालदीव की नौसेना के साथ मिलकर नियमित रूप से प्रशिक्षण, निगरानी और सुरक्षा अभ्यास करती है, जिससे क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को मजबूती मिलती है और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो पाती है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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