मेडिकल जर्नल लैंसेट का तंज, भारत में कोरोना से बिगड़े हालात के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार

punjabkesari.in Sunday, May 09, 2021 - 03:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिका 'द लैंसेट' (The Lancet ) ने भारत में कोरोना के बढ़ रहे मामलों पर एक संपादकीय लिखा जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को अपनी गलतियों का स्वीकार करना होगा। 'द लैंसेट ने अपने लेख में लिखा कि भारत ने कोरोना की पहली लहर का सामना काफी समफलता पूर्वक किया लेकिन अब मोदी प्रशासन को मानना होगा कि उनकी गलतियों के कारण भारत का आज ऐसा हाल है।

 

पत्रिका में लिखा गया कि संकट के इस समय में भारत सरकार की खुलकर आलोचना हो रही है और पीएम मोदी का काम इसके लिए माफ करने योग्य नहीं है क्योंकि वह भारत को इस स्थिति से गुजरने से नहीं रोक पाए। संपादकीय में कहा गया कि कोरोना की पहली लहर का जिस सफलता से भारत ने सामना किया था, उस पर पानी फिर गया। अप्रैल तक कई महीने गुजरने पर भी सरकार COVID-19 टास्क फोर्स पूरी नहीं हुई थी जिसके परिणाम आज सबके सामने हैं। भारत में अब संकट काफी बढ़ गया है। पत्रिका मं कहा गया कि सरकार मान रही थी कि कई महीनों तक कोरोना के मामलों में कमी आने के कारण भारत ने अब वायरस को हरा दिया जबकि इसी बीच दूसरी लहर की चेतावनी भी कई बार दी गई, इतना ही नहीं नए स्ट्रेन ने भी भारत में दस्तक दे दी थी फिर भी भारत सरकार अलर्ट नहीं हुई।

 

संपादकीय में लिखा गया कि मार्च के शुरू में ही भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी थी। इसके बावजूद सरकार ने धार्मिक आयोजनों, राजनीतिक रैलियों को अनुमति दी। रैलियों के दौरान कोरोना नियमों का भी पालन नहीं किया गया। पत्रिका में लिखा गया कि पीएम मोदी का ध्यान कोरोना को रोकने की बजाए ट्विटर पर अपनी हो रही आलोचना को हटाने पर ज्यादा था। पत्रिका ने लिखा कि इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन का अनुमान है कि भारत में 1 अगस्त तक कोरोना से 10 लाख लोगों की मौत हो जाएगी। पत्रिका ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इसके लिए मोदी सरकार आत्मघाती राष्ट्रीय आपदा की जिम्मेदार होगी।


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Content Writer

Seema Sharma

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