PM Modi Talks Putin: पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता
punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 07:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन संकट, द्विपक्षीय संबंधों और आगामी शिखर सम्मेलन को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को ताज़ा घटनाक्रम की जानकारी दी, जिस पर पीएम मोदी ने भारत के संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के रुख को दोहराया। साथ ही, दोनों नेताओं ने भारत-रूस के विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट भी साझा किया। उन्होंने लिखा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से बहुत अच्छी और लंबी बातचीत हुई। मैंने यूक्रेन पर ताज़ा घटनाक्रम साझा करने के लिए उनका धन्यवाद किया। हमने अपने द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई। मैं इस वर्ष के अंत में राष्ट्रपति पुतिन की भारत में मेजबानी को लेकर उत्सुक हूं।”
अजीत डोभाल और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन की इस बातचीत से एक दिन पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मॉस्को स्थित क्रेमलिन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा हुई। एनएसए डोभाल ने सभी मोर्चों पर सहयोग जारी रखने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत के रूस में राजदूत विनय कुमार और रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई पेत्रुशेव भी मौजूद थे।
ब्राजील के राष्ट्रपति से भी हुई थी बातचीत
इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा से भी बातचीत की थी। इस वार्ता में दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, तकनीक, रक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और सुदृढ़ करने पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “राष्ट्रपति लूला के साथ अच्छी बातचीत हुई। ब्राजील की मेरी यात्रा को यादगार और सार्थक बनाने के लिए उनका धन्यवाद। हम अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच मजबूत, जन-केंद्रित साझेदारी सभी के लिए लाभकारी है।”