जानिए जम्मू-कश्मीर कब बना था भारत का हिस्सा, सेना ने पाकिस्तान को चटाई थी धूल

punjabkesari.in Saturday, Oct 26, 2019 - 11:02 AM (IST)

नेशनल डेस्कः मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में नेहरू के समय से चली आ रही आर्टिकल 370 और 35-ए को हटा दिया जिसके बाद से देशभर में खुशी का माहौल है। वहीं आपको बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर का विलय भारत में कब और कैसे हुआ। 26 अक्तूबर, 1947 वह दिन है जब जम्मू-कश्मीर भारतीय संघ का हिस्सा बना था। इसके पीछे पाकिस्तान भी सबसे बड़ा कारण रहा है।


आजादी के फौरन बाद पाकिस्तान की हरकतों ने राज्य को भारत का हिस्सा बनाने में अहम भूमिका निभाई। 16 मार्च, 1846 को ब्रिटिश के कब्जे में आने के बाद कश्मीर एक देशी रियासत बन गया। इसे जम्मू-कश्मीर के महाराजा गुलाब सिंह ने अंग्रेजों से खरीदा था। हांलाकि, इस बात का अंग्रेजों को बाद में बहुत पछतावा रहा। जम्मू-कश्मीर अकेली ऐसी रियासत रही, जहां पर अंग्रेजों का राज नहीं चल सका। महाराजा गुलाब सिंह एक कुशल योद्धा और मंजे हुए राजनीतिज्ञ थे। महाराजा हरि सिंह उन्हीं के वंशज थे।

PunjabKesari

जिन्ना की थी कश्मीर पर नजर
भारत आजाद हुआ तो पाकिस्तान अलग देश बन गया। पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की नजर कश्मीर पर थी। उन्हें लगता था कि कश्मीर मुस्लिम बहुल है और इसलिए उस पर पाक का हक होना चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कबायलियों का हमला करवाया। 24 अक्तूबर, 1947 को तड़के हजारों कबायलियों ने राज्य पर हमला बोल दिया। ऐसे में, महाराजा हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी। 25 अक्तूबर को सरदार पटेल ने वी.पी. मेनन को श्रीनगर भेजा और उन्होंने महाराजा हरि सिंह से विलय की मंजूरी ले ली। 26 अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर भारत संघ का हिस्सा बन गया।

PunjabKesari

भारत ने दुश्मनों को खदेड़ा
27 अक्तूबर को भारतीय फौजें श्रीनगर पहुंच गईं। उन्होंने कश्मीर को हमलावरों से आजाद करवाया। जिन्ना ने इस पर भी चाल चली। उन्होंने अपने ब्रिटिश मित्र कमांडर सर डगलस ग्रेसी से मदद मांगी और उसे जम्मू-कश्मीर में दो ब्रिगेड भेजने को कहा। पहली ब्रिगेड जम्मू जाती और महाराजा हरि सिंह को गिरफ्तार करती और दूसरी कश्मीर पर कब्जा करती लेकिन ग्रेसी ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया और जिन्ना का जम्मू-कश्मीर पर कब्जा करने का सपना धरा का धरा रह गया।

PunjabKesari

पाकिस्तान ने किया कश्मीर पर हमला
ग्रेसी के इंकार के बाद पाकिस्तान ने कश्मीर पर खुद हमला किया। उसने अपनी सेना भेजी और गिलगित बाल्टिस्तान पर कब्जा कर लिया। पाकिस्तान यहीं नहीं रुका। भारत और जम्मू-कश्मीर के विलय के बाद भी भारतीय सेना को करीब 1 साल तक पाकिस्तानी फौज और कबायलियों की घुसपैठ का सामना करना पड़ा था, जो आज आतंकवाद के रूप में जारी है।

PunjabKesari

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Anil dev

Recommended News

Related News