ऑफ द रिकॉर्डः राजस्व में बढ़ोतरी के लिए मोदी जल्द ला सकते हैं स्वर्ण माफी योजना

punjabkesari.in Saturday, Aug 01, 2020 - 03:31 AM (IST)

नई दिल्लीः मोदी सरकार आयकर संग्रह, जी.एस.टी, सीमा शुल्क सभी तरीकों से राजस्व में बढ़ौतरी के लिए योजना बना रही है। बाजार में मंदी और कोई खरीददार नहीं होने के कारण पी.एस.यू. विक्रय मार्ग सफल नहीं हो रहा है। ऐसे में मोदी सरकार स्वर्ण माफी योजना के जरिए एक पुरानी योजना को दोबारा लाने पर विचार कर रही है। इस योजना की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द घोषणा कर सकते हैं। 

इसके तहत यह लोगों से पीली और सफेद धातु के बेहिसाब संग्रह को कर अधिकारियों के समक्ष घोषित करने और जुर्माने के साथ कर का भुगतान करने के लिए कहेगी। नोटबंदी से बहुत पहले मोदी सरकार द्वारा इस पर विचार किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में 3 राज्य समर्थित योजनाओं का अनावरण किया था, जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी मात्रा में घरेलू और संस्थानों के 25,000 टन सोने का प्रयोग किया था और इस दौरान निवेश के विकल्प उपलब्ध करवा भौतिक मांग को पूरा करने व आयात कम करने का प्रयास किया। 

आमतौर पर विशेष अवसरों पर पहने जाने वाले सोने के आभूषणों को लेकर लोग निवेश नहीं करना चाहते थे, क्योंकि उन्हें कर अधिकारियों द्वारा दंडित किए जाने की आशंका थी। तब सरकार ने करदाताओं से नकद धन की घोषणा करने के लिए कहा था, लेकिन शर्तें इतनी सख्त थीं कि शायद ही कोई आगे आया। इसके बाद मोदी सरकार नोटबंदी लेकर आई।

अब सरकार कर चोरी पर नकेल कसने और आयात पर अपनी निर्भरता में कटौती के प्रयास के तहत भारतीयों के लिए नई स्वर्ण योजना तैयार करने पर काम कर रही है। सरकार चाहती है कि लोग धातु के अपने बेहिसाब संग्रह को टैक्स अधिकारियों को घोषित करें और कर व जुर्माने का भुगतान करें। 

वहीं आम माफी के लिए कोई भी प्रस्ताव जोखिमों से भरा होगा, क्योंकि शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि कोई भी भारतीय कानून के तहत दोषी पाए जाने व गुनाह कबूल करने पर पूरी तरह से माफी का दावा नहीं कर सकता है। वहीं यह कार्यक्रम ईमानदार करदाताओं को भी दंडित करेगा। वहीं जब वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता से बात करके प्रतिक्रिया जाननी चाही तो संपर्क नहीं हो पाया। 


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Pardeep

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