PM मोदी ने बैंकॉक के वात फो मंदिर में नवाया शीश, बोले- ''शक्ति का स्रोत हैं भगवान बुद्ध'' (Video)
punjabkesari.in Saturday, Apr 05, 2025 - 12:30 PM (IST)

Bangkok: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के विख्यात वॉट फो मंदिर पहुँचे, जो अपनी भव्य वास्तुकला और 46 मीटर लंबी लेटे हुए भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। इस विशेष अवसर पर थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा भी उनके साथ थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने लेटे हुए बुद्ध के समक्ष श्रद्धापूर्वक प्रार्थना की और वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं को ‘ संघदान ’ (भिक्षु समुदाय को दान) अर्पित किया। मोदी ने मंदिर को भारत के अशोक स्तंभ की एक प्रतिकृति भी भेंट की, जो भारत और थाईलैंड के बीच सदियों पुराने मजबूत और जीवंत सभ्यतागत संबंधों का प्रतीक है।
Exploring the spirit of Buddhism!
— BJP (@BJP4India) April 4, 2025
PM Modi had a spiritual visit to Wat Pho in Bangkok, reflecting his deep appreciation for Buddhist traditions.
Moments of prayer and cultural connection highlighted the strong ties between India and Thailand. 🇮🇳🤝🇹🇭 pic.twitter.com/FrJNtI7aEg
प्रधानमंत्री मोदी ने बाद में सोशल मीडिया मंच एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर अपने अनुभव को साझा करते हुए लिखा, ‘‘आज मुझे बैंकॉक के ऐतिहासिक वॉट फ्रा चेतुफोन विमोनमंगकलाराम रत्चवोरमाहविहान (या वॉट फो) का दौरा करने का सम्मान मिला। मैं प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा को मेरे साथ मंदिर आने और विशेष सम्मान प्रकट करने के लिए धन्यवाद देता हूं।’’ मोदी ने लिखा कि, ‘‘थाईलैंड के सबसे प्रतिष्ठित आध्यात्मिक स्थलों में से एक, वॉट फो, थाईलैंड की समृद्ध सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत का प्रतीक है। भगवान बुद्ध की शिक्षाएं दुनिया भर में लोगों को प्रेरणा देती हैं और भारत-थाईलैंड के बीच **सभ्यतागत रिश्तों का आधार भी बनती हैं।’’ प्रधानमंत्री ने अपनी इस यात्रा का एक वीडियो भी साझा किया और अनुभव को ' यादगार ' बताया।
वॉट फो मंदिर का इतिहास
- - वॉट फो को थाई भाषा में वॉट फ्रा चेतुफोन विमोनमंगकलाराम रत्चवोरमाहविहान" कहा जाता है।
- - यह मंदिर 16वीं शताब्दी में एक छोटे मठ के रूप में बनाया गया था।
- - 1788 में राजा राम प्रथम ने इसका पुनर्निर्माण करवाया और इसे भव्य रूप दिया।
- - राजा राम प्रथम ने ही बैंकॉक को थाईलैंड की राजधानी बनाया था।
- - बाद में राजा राम तृतीय ने मंदिर का और अधिक विस्तार किया, खासकर दक्षिण विहार और पश्चिम विहार का, जहां आज लेटे हुए बुद्ध की प्रतिमा स्थित है।
- - इस प्रतिमा का निर्माण कार्य 1848 में पूरा हुआ था।
- - वॉट फो में थाईलैंड में भगवान बुद्ध की सबसे ज्यादा प्रतिमाओं का संग्रह है और इसे देश का सबसे पुराना सार्वजनिक शिक्षण केंद्र भी माना जाता है।