मोदी 3.0 के पहले 100 दिन में बड़े फैसलों का पलटवार: कांग्रेस ने उठाए पेपर लीक, बेरोजगारी और महंगाई पर सवाल

punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2024 - 10:23 AM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन पूरे हो गए हैं, और इस मौके पर कांग्रेस ने मोदी सरकार की कई बड़ी विफलताओं की ओर इशारा किया है। कांग्रेस ने सरकार की कई प्रमुख नीतियों और कार्यों पर सवाल उठाए हैं, जिनमें पेपर लीक, बेरोजगारी, महंगाई, और कई अन्य मुद्दे शामिल हैं। 

कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने मोदी सरकार के पहले 100 दिनों को लेकर एक दस्तावेज जारी किया है, जिसमें सरकार की विफलताओं को प्रमुखता से गिनाया गया है:
1. नीट पेपर लीक: कांग्रेस का कहना है कि नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) के पेपर लीक होने से 24 लाख छात्रों के भविष्य के साथ समझौता किया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह शिक्षा मंत्रालय की प्रणालीगत विफलता है और शिक्षा मंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
2. एनटीए की अक्षमता: कांग्रेस ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की कार्यशैली की आलोचना की है, विशेष रूप से नीट घोटाले और यूजीसी नेट परीक्षाओं के रद्द होने को लेकर। आरोप है कि प्रश्नपत्र डार्क वेब पर 6 लाख रुपए में बेचे गए थे, जिससे परीक्षा की अखंडता पर सवाल उठे।
3. बेरोजगारी संकट: कांग्रेस ने यह भी बताया कि युवा बेरोजगारी दर 9.2 प्रतिशत और महिला बेरोजगारी दर 18.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। 2014-2022 के बीच, 22 करोड़ उम्मीदवारों ने केंद्रीय नौकरियों के लिए आवेदन किया, लेकिन नौकरियां नहीं मिलीं।
4. टूटे वादे: कांग्रेस ने पुलों के ढहने और राम मंदिर के गर्भ मंडप की छत से पानी टपकने जैसे मुद्दों को उठाया है। अटल ब्रिज के खुलने के छह महीने के भीतर ही उसमें दरारें आ गईं, जिससे सरकार की निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं।
5. अग्निवीर योजना: अग्निवीर योजना के विवादित प्रावधानों ने सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं को उजागर किया है। कांग्रेस ने सरकार पर सैनिकों के प्रति सहानुभूति की कमी का आरोप लगाया है, खासकर अग्निवीर जितेंद्र सिंह तंवर की शहादत के संदर्भ में।
6. आर्थिक विफलताएं: कांग्रेस ने आर्थिक मोर्चे पर भी सरकार की आलोचना की है, जिसमें डॉलर के मुकाबले रुपया 84.09 रुपए के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचने और खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल शामिल है। मुद्रास्फीति 9.36 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जिससे अमीर और गरीब के बीच अंतर और भी बढ़ गया है।

मोदी सरकार के यू-टर्न
इसके अलावा, मोदी सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण फैसलों को पलटा है:
1. यूपीएससी लेटरल एंट्री जॉब्स का रद्द होना: यूपीएससी के लेटरल एंट्री जॉब्स विज्ञापन को रद्द कर दिया गया है, जो बाहरी विशेषज्ञों को भर्ती करने की योजना थी। इसमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण शामिल नहीं था। इस पर विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया।
2. प्रसारण विधेयक पर पुनर्विचार: केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम 1995 को प्रतिस्थापित कर प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2024 लाया गया था, जिसे मीडिया पर सरकार के अतिक्रमण और दमन का आरोप लगाया गया। विपक्षी दलों के विरोध के बाद इसे वापस लिया गया।
3. वक्फ विधेयक का जेपीसी के पास जाना: वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को विवादास्पद मानते हुए इसे भाजपा के सहयोगियों और मुस्लिम निकायों के विरोध के बाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया।
4. लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स पर इंडेक्सेशन लाभों की वापसी: मोदी सरकार ने संपत्ति की बिक्री के लिए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स पर इंडेक्सेशन लाभों को हटाने के अपने फैसले को भी पलट दिया है, जो 2024 के बजट में प्रस्तावित था।
मोदी 3.0 सरकार के पहले 100 दिन में उठाए गए कदम और पलटे गए फैसले ने विपक्ष को निशाना बनाने का एक मजबूत आधार दिया है। कांग्रेस ने इन विफलताओं को उजागर करते हुए सरकार की आलोचना की है और जनता को यह बताने का प्रयास किया है कि मोदी सरकार के वादे अधूरे साबित हो रहे हैं।


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Content Editor

Mahima

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