"नोएडा की कंपनी का अजीब कदम: ''क्या आपको काम का स्ट्रेस है?'' और फिर 100 लोग हो गए नौकरी से बाहर"
punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2024 - 12:47 PM (IST)
नॅशनल डेस्क। नोएडा की एक स्टार्टअप कंपनी यस मैडम जो डोरस्टेप ब्यूटी सर्विस देती है इन दिनों एक विवाद के कारण सुर्खियों में है। कंपनी ने हाल ही में अपने 100 से ज्यादा कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया और इसका कारण कंपनी द्वारा कराए गए एक स्ट्रेस सर्वे में सामने आया।
क्या है पूरा मामला?
कंपनी ने अपने कर्मचारियों के मानसिक तनाव (स्ट्रेस) को समझने के लिए एक सर्वे किया था। इस सर्वे में कर्मचारियों से उनके काम के तनाव और मानसिक स्थिति से जुड़े सवाल पूछे गए थे। एक सवाल था: "क्या आपको काम का स्ट्रेस है?"
जिसे कर्मचारियों ने 'हां' में जवाब दिया उन्हें तुरंत नौकरी से निकाल दिया गया।
कंपनी का बयान
कंपनी ने इस छंटनी के बारे में कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा, जिसमें लिखा गया:
“प्रिय टीम हमने हाल ही में काम से जुड़े स्ट्रेस को समझने के लिए एक सर्वे किया। आप में से कई लोगों ने अपनी चिंताओं को हमारे साथ शेयर किया जिसकी हम रिस्पेक्ट करते हैं। एक हेल्दी और सपोर्टिव वर्क एनवायरनमेंट बनाए रखने के लिए हमने यह कड़ा फैसला लिया है कि स्ट्रेस्ड एंप्लाईज को कंपनी से अलग किया जाए। यह फैसला तुरंत प्रभावी है। हम आपके योगदान के लिए आभारी हैं।”
कर्मचारियों में नाराजगी
कंपनी के इस फैसले के बाद कर्मचारियों में गुस्सा और नाराजगी देखने को मिल रही है। अनुष्का दत्ता जो यस मैडम में यूएक्स कॉपीराइटर थीं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर इस बारे में पोस्ट किया। उन्होंने लिखा:
“यस मैडम में आखिर क्या चल रहा है? एक रैंडम सर्वे किया जाता है और फिर हमें अचानक नौकरी से निकाल दिया जाता है। सिर्फ इसलिए क्योंकि हम स्ट्रेस में थे? सिर्फ मुझे ही नहीं, बल्कि 100 से ज्यादा लोगों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
अनुष्का की लिंक्डइन पोस्ट के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कंपनी के इस कदम पर काफी आलोचना हो रही है। एक यूजर ने लिखा, “स्ट्रेस सर्वे करना और उसके आधार पर लोगों को नौकरी से निकालना पागलपन है।” वहीं दूसरे एक यूजर ने इसे "टॉक्सिक वर्क कल्चर" का उदाहरण बताया यानी एक ऐसा कार्यस्थल जहां मानसिक दबाव और तनाव को बढ़ावा मिलता है।
कर्मचारियों का क्या कहना है?
कंपनी द्वारा की गई इस छंटनी पर कर्मचारियों का कहना है कि यह तरीका बेहद अमानवीय और अनुचित है। उनका मानना है कि एक व्यक्ति जो तनाव महसूस कर रहा है उसे नौकरी से बाहर कर देना एक न्यायसंगत कदम नहीं हो सकता।
कई कर्मचारियों ने यह भी बताया कि उन्हें पार्ट टाइम या फ्रीलांस काम करने का विचार भी आया था लेकिन अब वे पूरी तरह से बेहतर कार्य वातावरण की तलाश में हैं।
बता दें कि यस मैडम का यह कदम अब बड़े विवाद का कारण बन चुका है। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी को कर्मचारियों के मानसिक तनाव को दूर करने के लिए उनकी मदद करनी चाहिए थी न कि उन्हें निकालकर उनके सामने और मुश्किलें खड़ी करनी चाहिए। वहीं कंपनी का कहना है कि वे एक हेल्दी और सपोर्टिव वर्क एनवायरनमेंट बनाए रखने के लिए यह कदम उठा रहे हैं। अब देखना यह है कि इस विवाद का कंपनी पर क्या असर पड़ता है और वे किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।