मुंबई में MNS का नया फरमान, ना हिन्दी ना अंग्रेजी, दुकानों के नाम मराठी में हों

punjabkesari.in Monday, Nov 27, 2017 - 06:51 PM (IST)

मुंबईः राज ठाकरे की अगुआई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस)  ने दुकानदारों को अल्टीमेटम दिया है कि वे 15 दिन के अपनी दुकानों के बाहर साइनबोर्ड मराठी में लिखवा लें वरना एमएनएस उनसे अपने स्टाइल से निपटेगी। इससे पहले जब रविवार की रात को एमएनएस कार्यकर्ताओं ने जब विखरोली इलाके में ऐसा करने की कोशिश की थी तो दुकानदारों ने इसका कड़ा विरोध किया। इस बीच दुकानदारों-रेहड़ी वालों और एमएनएस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हुईं, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। 

इस दौरान एमएनएस कार्यकर्ता कई दुकानदारों के पास गए और उन्हें दुकानों के साइनबोर्ड मराठी में करने के लिए धमकाया। कांदिवली में एमएनएस  ब्लॉक अध्यक्ष सिद्धिधा मोरे ने कई पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जाकर दुकानदारों को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर बोर्ड मराठी में नहीं कराए गए तो एमएनएस फिर अपने स्टाइल से एक्शन लेगी। एक दुकानदार कहा, ‘अब उन्होंने हमें अल्टीमेटम दिया है। हमें पुलिस सुरक्षा भी नहीं मिली हुई। ऐसे में मैं सोचता हूं कि हमें उनका (एमएनएस ) का कहना मानना ही पड़ेगा वरना वे गुंडों की तरह बर्ताव करेंगे।’

एमएनएस के एक नेता ने कहा, ‘देश के सभी राज्यों में स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जाती है। हर जगह बोर्ड, साइनबोर्ड और बैनर स्थानीय भाषाओं में होते हैं जबिक अकेले मुंबई में इसका पालन नहीं होता है। अब राज ठाकरे से आदेश मिलने के बाद हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अगर दुकानदार 15 दिन में इस पर अमल नहीं करेंगे तो हम अपने स्टाइल में एक्शन लेंगे।’ 

हालांकि विखरोली में दुकानदारों के सामने एनएनएस के कार्यकर्ताओं को मुंह की खानी पड़ी थी। रविवार रात को एनएनएस कार्यकर्ताओं ने जबरन कुछ बोर्डों को हटाने की कोशिश की तो उसका दुकानदारों और रेहड़ी वालों ने पुरजोर विरोध किया। दोनों पक्षों में हुए टकराव में एनएनएस के 5 कार्यकर्ता और एक रेहड़ी वाला घायल हो गए। 


 


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