मिजोरम सरकार ने लापरवाही के कारण किया 4.88 करोड़ रुपए का फिजूल खर्च...CAG ने लगाई फटकार
punjabkesari.in Monday, Aug 28, 2023 - 01:48 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने लापरवाही के चलते मामित जिले में दर्लक-सिहथियांग सड़क निर्माण पर 4.88 करोड़ रुपए का ‘‘फिजूल'' खर्च करने के लिए मिजोरम सरकार की आलोचना की है। कैग की रिपोर्ट हाल में संपन्न हुए विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने पेश की थी, जिसमें कहा गया है कि दर्लक-सिहथियांग सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत किया जा रहा था जबकि इस गांव में पहले से ही संपर्क सुविधाएं मौजूद हैं। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिहथियांग 11 किलोमीटर लंबी चुहवेल-सिहथियांग पक्की सड़क से जुड़ा है जो दिसंबर 2020 के बाद से हर मौसम में संपर्क का माध्यम रही है।
चुहवेल-सिहथियांग पक्की सड़क का निर्माण कार्य मई 2016 में शुरू हुआ था जबकि 52.81 करोड़ रुपये की लागत से दर्लक-सिहथियांग सड़क के निर्माण के लिए मिजोरम ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी और सरकारी लोक निर्माण विभाग ने अगस्त 2019 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह परियोजना जून 2020 तक पूरा होने वाली थी। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘दर्लक-सिहथियांग सड़क के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) से संकेत मिलता है कि 495 लोगों की आबादी वाला सिहथियांग गांव का मामित जिले के किसी हिस्से से संपर्क नहीं है, वहीं प्रस्तावित दर्लक-सिहथियांग सड़क की लंबाई 35.61 किलोमीटर है और परियोजना पर 58.32 करोड़ रुपए की लागत आएगी। ठेकेदार ने फरवरी 2020 में निर्माण कार्य शुरू किया और जून 2021 में 7.3 किलोमीटर का निर्माण पूरा किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वन विभाग से मंजूरी नहीं मिलने के कारण जुलाई 2021 से निर्माण कार्य रुका हुआ है और विभाग ने मंत्रालय को परियोजना रद्द करने का प्रस्ताव दिया है। 52.81 करोड़ रुपए के खर्च में से PWD ने अप्रैल 2022 तक 4.88 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। राज्य लोक निर्माण विभाग के कावर्था संभाग के कार्यकारी अभियंता के रिकॉर्ड की जांच से पता चला कि सिहथियांग गांव राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि (RIDF) के तहत निर्मित 11 किलोमीटर लंबी चुहवेल-सिहथियांग पक्की सड़क से जुड़ा था, जिस पर अनुमानित लागत 9.59 करोड़ रुपए आई थी। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क का खाका बनाने में 4.88 करोड़ रुपए का खर्च ‘‘फिजूलखर्च'' था क्योंकि परियोजना को रद्द करने का प्रस्ताव दिया गया है।