Salute-देशभक्ति का ऐसा जुनून, छोड़ दी टॉप कंपनी की ढाई लाख की नौकरी...एयरफोर्स में हुईं शामिल
punjabkesari.in Sunday, Oct 11, 2020 - 01:14 PM (IST)
नेशनल डेस्कः देशभक्ति ऐसा जुनून है, जिसके दिल में इसकी लो जग जाती है फिर उसके देश के आगे कुछ नहीं दिखता। कई लोग सोचते हैं कि कुछ सेना में नौकरी पाने किए इसमें भर्ती होते हैं जबकि ऐसा नहीं है। 100 में से कुछ ही लोग होते हैं जो सेना में जाते हैं और वो नौकरी के लिए नहीं बल्कि मां भारती की रक्षा और सेवा के लिए आर्मी में भर्ती होते हैं। इसका एक उदाहरण है-स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल। स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल में देशभक्ति इस कद्र कूट-कूटकर भरी हुई है कि उन्होंने इंडिया की टॉप कंपनी की नौकरी छोड़ आईएएस का रुख किया।
छोड़ा ढाई लाख की नौकरी
युद्ध सेवा पदक पाने वाली पहली महिला अंबाला निवासी स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल जब कॉलेज में पढ़ रही थीं तभी इंडिया की टॉप कंपनियों में से एक इंफोसिस यानी आईटी कंपनी पुणे में बतौर प्रोग्रामर प्लेसमेंट हो गई थी। ढाई लाख का सलाना पैकेज मिलने पर करीब एक साल काम भी किया लेकिन उनका मन शुरू से एयरफोर्स में जाने का था। आखिरकार उन्होंने अपने दिल की सुनी और मिंटी ने अपनी पैकेज को छोड़कर आईएएस की तैयारी शुरू कर दी। इसके बाद मिंटी पीछे नहीं हटीं और एयरफोर्स की भर्ती आते ही मिंटी ने अपनी किस्मत आजमाने का फैसला लिया। मिंटी के मन में डर था कि अगर वो एयरफोर्स में जगह नहीं बना पाई तो, लेकिन पूरे नार्थ इंडिया में केवल चार बच्चे पास हुए और उनमें मिंटी का नाम था। देहरादून में साक्षात्कार देने के बाद मिंटी एसएसबी क्लीअर कर एयरफोर्स से जुड़ गईं।
मिंटी के पिता रविंद्र कुमार अग्रवाल ऑर्डनरी ऑफिसर से रिटायर्ड है इसलिए बचपन से घर में एयरफोर्स की वर्दी व वैसा की माहौल रहता था।
बता दें कि मिंटी अग्रवाल ने 27 फरवरी को कश्मीर में पाक विमानों की घुसपैठ के दौरान फाइटर प्लेन कंट्रोलर की जिम्मेदारी निभाई थी। मिंटी अग्रवाल पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट को मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की मदद कर रही थीं। केंद्र सरकार ने बालाकोट एयर स्ट्राइक में वीरता और साहस दिखाने वाले वायुसेना के 7 अफसरों को वीरता पुरस्कार और पांच अन्य वायुसेना अफसरों को विशिष्ट सेवा के लिए ‘युद्ध सेवा मेडल’ देने की भी घोषणा की। युद्ध सेवा मेडल पाने वाले अफसरों में स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल का भी नाम था। युद्ध सेवा मेडल युद्ध या तनाव की स्थिति में राष्ट्र के लिए विशिष्ट सेवा देने वाले सैनिकों को दिया जाता है। हालांकि, यह मेडल वीरता पुरस्कारों की श्रेणी में नहीं आता।
पाक एफ-16 को खदेड़ने में मिंटी ने की थी मदद
बालाकोट एयर स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने 27 फरवरी को भारतीय सीमा में कुछ एफ-16 विमानों को हमला करने के लिए भेजा था। पाकिस्तानी विमानों ने कश्मीर में गुसपैठ की कोशिश की थी लेकिन भारतीय वायुसेना की मुस्तैदी ने पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर दिया। भारत के मिग-21 और मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के एफ-16 विमानों को खदेड़ दिया था। इस दौरान मिंटी भारतीय पायलटों की पाक के लड़ाकू विमानों को खदेड़ने में मदद कर रही थीं।
मिंटी ने पाक के एफ-16 विमानों की हलचल देखते ही भारत के मिराज और सुखोई विमानों को अलर्ट कर दिया। साथ ही जब अभिनंदन एफ-16 गिराने के दौरान एलओसी पार कर गए तो मिंटी ने उन्हें तुरंत लौटने के लिए कहा था लेकिन पाक की ओर से कम्युनिकेशन जैम किए जाने की वजह से अभिनंदन उनके निर्देश नहीं सुन पाए। अभिनंदन के मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट में एंटी जैमिंग तकनीक नहीं थी जिसकारण कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान की तरफ चले गए थे।
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