इसी साल दिसंबर में लड़ाकू विमानों के बेड़े से बाहर किए जाएंगे MiG-21

punjabkesari.in Tuesday, Aug 20, 2019 - 02:31 PM (IST)

नई दिल्ली: कभी वायुसेना की शान रहे पुराने मिग-21 विमानों को इसी साल दिसंबर में लड़ाकू विमानों के बेड़े से बाहर किए जाएंगे। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि मिग-21 विमान 44 वर्ष पुराने हो गए हैं और इन्हें दिसम्बर में बेड़े से बाहर किया जाएगा। उम्मीद है कि मैं भी सितम्बर में आखिरी बार इनमें उड़ान भरूं यदि मौसम सही रहा तो। उन्होंने कहा कि वायु सेना के पास ये विमान पिछले चार दशकों से हैं और इसके लिए हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और वायु सेना के बेस रिपेयर डिपो (बीआरडी) प्रशंसा के पात्र हैं। दोनों ने इन विमानों के 95 प्रतिशत कलपुर्जे देश में ही तैयार किए हैं जिनके कारण विमानों का रख रखाव हो सका।

 

मिग बनाने वाला देश रूस भी अब इन्हें नहीं उड़ा रहा है लेकिन हम उड़ा रहे हैं क्योंकि हमारे पास इनके रख रखाव और मरम्मत की सुविधा है। रक्षा कलपुर्जो के आयात का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वायु सेना ने एचएएल को अपनी जरूरत बतायी है और कहा है कि यदि आप ये चीजें बनाते हैं तो हमें इनका आयात नहीं करना पड़ेगा और देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। मिग-21 विमानों को वायु सेना के बेड़े में 1973-74 में शामिल किया गया था और इन विमानों ने करगलि लड़ाई से लेकर अन्य मौकों पर समय समय पर अपना लोहा मनवाया है।

 

मिग-21 विमान द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराए जाने को उन्होंने एक बड़ी सफलता बताया। हालाकि वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने जिस मिग-21 बाइसन विमान से एफ-16 विमान को गिराया था उसे उन्नत कर आधुनिक बनाया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत हथियारों का आयात करने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। अभी केवल सऊदी अरब ही इस मामले में भारत से आगे है।


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Seema Sharma

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