शस्त्र पूजा का संदेश, जरूरत पड़ी तो हम पूरी ताकत से करेंगे हथियारों का इस्तेमाल : राजनाथ सिंह
punjabkesari.in Saturday, Oct 12, 2024 - 02:13 PM (IST)
नेशनल डेस्क: 12 अक्टूबर को विजयादशमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के सुकना सैन्य स्टेशन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पारंपरिक शस्त्र पूजा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय सेना की शक्ति, सफलता और सुरक्षा के लिए अनुष्ठान किया, जिसमें विभिन्न आधुनिक सैन्य उपकरणों की पूजा की गई। यह पूजा हर साल दशहरा के मौके पर आयोजित की जाती है, जिसमें भारतीय सेना के विभिन्न उपकरणों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
शस्त्र पूजा का अनुष्ठान
राजनाथ सिंह ने पूजा की शुरुआत कलश पूजा से की, जिसके बाद उन्होंने शस्त्र पूजा और वाहन पूजा का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने अत्याधुनिक पैदल सेना, तोपखाने, संचार प्रणालियां, गतिशीलता प्लेटफार्म और ड्रोन प्रणालियों सहित विभिन्न सैन्य उपकरणों की पूजा की। उन्होंने कहा कि यह अनुष्ठान देश की रक्षा में इन हथियारों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
सशस्त्र बलों की सराहना
अपने संबोधन में, राजनाथ सिंह ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने में सशस्त्र बलों की सतर्कता और भूमिका की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इस अवसर पर भारतीय सेना के जवानों में मानवीय मूल्यों के प्रति समान सम्मान का होना आवश्यक है।
शक्ति और सुरक्षा का संदेश
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि यदि देश के हितों को खतरा होता है, तो भारत बड़ा कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "शस्त्र पूजा एक स्पष्ट संकेत है कि जरूरत पड़ने पर हम अपने हथियारों और उपकरणों का पूरी ताकत से इस्तेमाल करेंगे।" यह बयान स्पष्ट करता है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीरता से सोचता है।
आधुनिकीकरण की दिशा
इस कार्यक्रम में भारतीय सेना की परंपरा और आधुनिकता का संगम देखने को मिला। राजनाथ सिंह ने बताया कि यह समारोह स्वदेशी रक्षा प्रणालियों और प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभुता को बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारी, संकल्प और अटूट समर्पण का प्रतीक है।
भारत में विजयादशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन की बड़ी पुरानी परंपरा रही है। आज सुकना, दार्जिलिंग में 33 कोर हेडक्वार्टरस में की शस्त्र पूजा। pic.twitter.com/f67IJFyjPz
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 12, 2024
विशेष उपस्थित लोग
इस पूजा कार्यक्रम में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और dignitaries शामिल हुए। इनमें भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, मनोनीत रक्षा सचिव आर.के. सिंह, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राम चन्द्र तिवारी, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन, त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए. मिनवाला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
#WATCH | Darjeeling, West Bengal | Defence Minister Rajnath Singh says, "We all know that today's festival is the symbol of victory of good over evil. When lord Ram got victory over Raavan, the evil - it was the victory of humanity... We have never attacked any country as we have… https://t.co/dJ2vygh8Ic pic.twitter.com/k1TdbO4HLt
— ANI (@ANI) October 12, 2024
रक्षा मंत्री का संकल्प
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि शस्त्र पूजा हमारे सैन्य बलों के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान है। यह हमारे सैनिकों के मनोबल को बढ़ाता है और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों के प्रति सजग बनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना अपने आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है, और इसके लिए स्वदेशी तकनीक को प्राथमिकता दी जा रही है। राजनाथ सिंह का यह समारोह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि यह भारत की सुरक्षा नीतियों के प्रति गंभीरता को भी दर्शाता है।
#WATCH | Defence Minister Rajnath Singh performs Shastra Puja at Sukna Cantt in Darjeeling, West Bengal on #VijayaDashami and celebrates the festival with Army jawans. pic.twitter.com/352IbKGtE5
— ANI (@ANI) October 12, 2024
शस्त्र पूजा ने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय सेना अपनी परंपराओं को बनाए रखते हुए आधुनिकता की ओर भी अग्रसर है। इस प्रकार के अनुष्ठान न केवल सेना की शक्ति को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि भारत अपने सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए किसी भी स्थिति में तैयार है। इस समारोह के माध्यम से, राजनाथ सिंह ने यह संदेश दिया कि भारतीय सेना अपनी परंपराओं का सम्मान करते हुए, राष्ट्र की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। यह एक ऐसा अवसर है, जब देश के सभी नागरिकों को अपने सशस्त्र बलों पर गर्व महसूस करना चाहिए और उन्हें अपनी सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।